12 June 2025
By: Aajtak.in
भारत में अलग-अलग धर्मों के लोग एक साथ मिल जुलकर रहते हैं. ऐसे में अलग-अलग तरह के लोग अलग-अलग खाने-पीने की चीजों को बहुत पसंद करते हैं.
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कुछ लोग सख्त शाकाहारी होते हैं, जबकि कुछ लोग नॉन-वेज खाते हैं. कुछ लोग नॉन-वेज नहीं खाते, लेकिन अंडे खाते हैं. आजकल, कई लोग वीगन भी बन गए हैं.
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ऐसे में आपने देखा होगा कि खाने की चीजों पर अक्सर लाल या हरा निशान होता है. कई लोग अभी भी खाने के पैकेट पर सिर्फ लाल और हरे निशान ही पहचानते हैं.
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ये निशान बताते हैं कि कोई प्रोडक्ट शाकाहारी है या मांसाहारी. हालांकि, लाल और हरे रंग के अलावा नीले, पीले और काले जैसे कुछ और रंग के कोड भी होते हैं, जिनके बारे में लोगों को नहीं पता होता है.
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आज हम आपको फूड पैकेजिंग्स पर दिखने वाले अलग-अलग रंगों के कोड्स के बारे में ही बताएंगे.
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लाल मार्क: फूड पैकेजिंग पर दिखने वाला लाल मार्क बताता है कि इसमें नॉन-वेज (मांसाहारी खाना) है.
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हरा मार्क: किसी भी पैकेट पर लगा हरा मार्क दर्शाता है कि इसमें शाकाहारियों (वेजिटेरियंस) के लिए उपयुक्त फूड आइटम है.
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नीला मार्क: नीला मार्क दर्शाता है कि प्रोडक्ट मेडिकल उपयोग से संबंधित है.
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पीला मार्क: फूड आइटम्स या पैकेजिंग पर लगा पीला मार्क दर्शाता है कि उसमें अंडा मिला है या अंडे से बनी कोई चीज है.
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ब्लैक मार्क: फूड आइटम्स पर या फिर किसी भी प्रोडक्ट पर लगा ब्लैक मार्क दर्शाता है कि प्रोडक्ट में बहुत से केमिकल्स मौजूद हैं.
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खाने-पीने की चीजें खरीदते समय सावधान रहें और हमेशा पहले इन कोड्स की जांच करें.
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