जब शराब की बात आती है तो हर कोई अपनी-अपनी पसंद की ड्रिंक लेना पसंद करता है.
कई लोग रम पीते हैं तो कुछ व्हिस्की, तो कुछ वाइन. वाइन पीने वालों में भी कुछ लोगों को व्हाइट वाइन पसंद होती है तो कुछ लोगों को रेड.
क्या आप जानते हैं कि रेड वाइन किस तरह से व्हाइट वाइन से अलग है? कैसे दोनों वाइन बनाई जाती हैं.
व्हाइट वाइन और रेड वाइन दोनों की अंगूर के जूस और पल्प से बनती है. आइए जानते हैं कैसे रेड वाइन व्हाइट वाइन से अलग होती है.
कई लोगों को लगता है कि रेड वाइन को लाल अंगूरों से बनाया जाता है. वहीं, व्हाइट वाइन हल्के हरे अंगूरों से बनाई जाती है.
ऐसा कुछ हद तक ठीक है. रेड वाइन को लाल अंगूरों और व्हाइट वाइन हलके रंग के अंगूरों से बनाई जाती है. लेकिन ऐसा नहीं है कि लाल अंगूरों से व्हाइट वाइन नहीं बनाई जा सकती है.
लाल अंगूरों से भी व्हाइट वाइन बनाई जा सकती है. रेड वाइन और व्हाइट वाइन बनाने का प्रोसेस भी अलग-अलग होता है.
व्हाइट वाइन को बनाते वक्त अंगूर के छिलकों को हटा दिया जाता है. फिर इसका पल्प लिया जाता है. बाद में इसे स्टील के कंटेनर्स में फर्मेंट किया जाता है.
वहीं, रेड वाइन को बनाते वक्त छिलके समेत अंगूरों के पल्प का इस्तेमाल किया जाता है. इसके बाद इसे ओक के बैरेल में फर्मेंट किया जाता है. छिलके समेत फर्मेंटेशन से ही वाइन का रेड कलर आता है.
(Disclaimer: यह जानकारी फूड एंड वाइन एक्सपर्ट्स के हवाले से दी गई है. इसका मकसद किसी भी तरीके से शराब पीने को बढ़ावा देना नहीं है.)