चाय की तरह ही कॉफी भी लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है. कई लोगों के दिन की शुरुआत ही कॉफी से होती है.
मार्केट में आपको तरह-तरह की कॉफी पीने को मिलती हैं. इनमें से ही एक कॉफी होती है 'डीकैफ' कॉफी.
आखिर क्या है ये डीकैफ कॉफी? आइए जानते हैं आम कॉफी से कैसे होती है ये अलग.
दरअसल, कॉफी में बड़ी मात्रा में कैफीन पाया जाता है और हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि कैफीन हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाता है.
इस नुकसान से बचने के लिए और कॉफी पीने के शौक को पूरा करने के लिए कॉफी लवर्स डीकैफ कॉफी पीते हैं.
दरअसल, डीकैफ शब्द Decaffeination का शॉर्ट फॉर्म है. डीकैफ कॉफी को आम कॉफी बीन्स से ही बनाया जाता है.
लेकिन डीकैफ कॉफी में लगभग 97 प्रतिशत कैफीन को तरह-तरह के प्रोसेस से खत्म कर दिया जाता है.
डीकैफ कॉफी नार्मल बीन्स से ही बनती है, लेकिन इन बीन्स को अलग-अलग तरह से प्रोसेस कर, इनमें से कैफीन की मात्रा को कम कर दिया जाता है.
वहीं, अगर डीकैफ कॉफी और नार्मल कॉफी में अंतर की बात करें तो इनमें कोई खास अंतर नहीं होता है. हालांकि, डीकैफ कॉफी का रंग आम कॉफी से हल्का हो जाता है. साथ ही, इसका टेस्ट भी आम कॉफी की तरह स्ट्रांग नहीं होता है.
वहीं, अगर कैफीन की संख्या की बात करें तो डीकैफ कॉफी के एक कप में तीन एमजी कैफीन होता है. वहीं, रेगुलर कॉफी के एक औसत कप में लगभग 70-140 मिलीग्राम कैफीन होता है.
तो ये साफ है कि डीकैफ कॉफी में भी थोड़ा-बहुत कैफीन मौजूद होता है.