6 July 2025
By: Aajtak.in
हमारे खान-पान का हम पर सीधा असर पड़ता है. हम जो खाते हैं, उसका असर न केवल हमारे शरीर पर बल्कि, मन पर भी पड़ता है. हम खाना सिर्फ स्वाद के लिए बल्कि, सेहत के लिए भी खाते हैं.
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इन दिनों कोरियाई फिल्मों की तरह कोरियाई खाने का भी चलन भारतीयों के बीच काफी बढ़ गया है. ऐसे में अक्सर मन में यह सवाल आता है कि कोरियाई खाने और भारतीय खाने में कौन ज्यादा हेल्दी है.
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जहां भारतीय खाना पकाने में अक्सर ज्यादा घी, सरसों या रिफाइंड का इस्तेमाल किया जाता है. वहीं कोरियाई खाने में कम से कम तेल का इस्तेमाल किया जाता है.
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दोनों ही खानों में मसालों का यूज किया जाता है. लेकिन अलग-अलग तरीकों से. जहां, भारतीय खाने में हल्दी, जीरा, मेथी और मिर्च का इस्तेमाल होता है.
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वहीं, कोरियाई खानों में कोचुजांग (फर्मेंटेंड मिर्च) और लहसुन का यूज ज्यादा होता है. दोनों ही गट हेल्थ के लिए बेहतर होते हैं, लेकिन भारतीय मसालों में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण ज्यादा होते हैं.
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कोरियाई खाना मेनली फर्मेंटेंड होता है जैसे- किम्ची, दोएनजांग (सोयाबीन पेस्ट), और फर्मेंटेंड मूली प्रोबायोटिक से भरपूर हैं जो गट हेल्थ के लिए बेहतर होते हैं. जबकि भारतीय खानों में फर्मेंटेंड फूड्स नाम मात्र के हैं जैसे आचार और दही.
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भारतीय खाना, ज्यादा शाकाहारी होते हैं, ऐसे में इसे रोजाना लेने से शरीर में प्रोटीन की कमी हो सकती है, जब तक की प्रॉपर प्लानिंग के साथ न लिया जाए. इसके लिए आप दाल, पनीर और फलियां को अपने डाइट का हिस्सा बना सकते हैं.
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जबकि, कोरियाई खाने में ज्यादातर मछली, टोफू, अंडे और मांस होते हैं जिससे खाने के बाद शरीर में लंबे समय तक एनर्जी बनी रहती है और शरीर में प्रोटीन की कमी नहीं होती.
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दोनों ही खाने टेस्टी हैं और दोनों का ही अपना महत्व है. जहां कोरियाई खाना गट हेल्थ के लिए बेहतर है तो वहीं, भारतीय खाना भी बैलेंस डाइट और स्वाद के लिए जाना जाता है.
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