टीचर्स हाइलैंड क्रीम व्हिस्की के मशहूर ब्रांड्स में से एक है, लेकिन क्या आपको पता है कि आखिर कैसे बनाई गई टीचर्स व्हिस्की?
Credit: teacherswhisky.com
टीचर्स हाइलैंड क्रीम भारत में लॉन्च होने वाली पहली अंतरराष्ट्रीय स्कॉच थी. आज के समय में टीचर्स सबसे ज्यादा बिकने वाला स्कॉच ब्रैंड है.
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आज के समय में टीचर्स व्हिस्की ब्रांड का मालिकाना हक Beam Suntory कंपनी के पास है, जो दुनिया भर में प्रीमियम शराब बनाने के लिए जानी जाती है.
टीचर्स व्हिस्की के इतिहास की बात करें तो इसका कहानी 175 साल से भी पहले शुरू होती है, जब नया आबकारी अधिनियम (New Excise Act) पेश किया गया था.
नए कानून के तहत व्हिस्की डिस्टिलेशन को कानूनी तौर पर मान्यता मिल गई.
इसको विलियम टीचर ने एक मौके की तरह देखा. 1830 में विलियम टीचर ने एक ग्रॉसर शॉप से व्हिस्की बेचने का लाइसेंस लिया. दुकान की मालिक उनकी गर्लफ्रेंड एग्नेस मैकडोनाल्ड की मां थीं.
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विलियम ने 1832 में एग्नेस से शादी की और पिकाडिली स्ट्रीट में पहली 'ड्राम शॉप' खोली. इस ड्राम शॉप पर कस्टमर्स रुक कर व्हिस्की का मजा उठाते थे.
ग्लासगो में बढ़ती आबादी के चलते देखते ही देखते विलियम टीचर ने करीब 20 'ड्राम शॉप' खोल लीं. यहां ग्राहक बैठ कर व्हिस्की पीते थे और घर जाते वक्त बॉटल खरीद कर ले जाते थे.
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व्हिस्की उद्योग के शुरुआती सालों में विलियम टीचर जैसे व्यापारियों के पास पूरे स्कॉटलैंड से सिंगल मॉल्ट और ग्रेन व्हिस्की का एक्सेस था.
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इसके बाद, 1860 में स्पिरिट्स एक्ट पास होने के बाद विलियम टीचर को कानूनी रूप से खुद की व्हिस्की बनाकर ड्राम शॉप में बेचने की इजाजत मिल गई थी.
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इसी दौरान विलियम टीचर ने हाई पीट माल्ट के साथ एक व्हिस्की तैयार की. इस व्हिस्की के स्वाद को टीचर ने खुद बहुत पसंद किया और इसे अपना नाम दिया.
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(Disclaimer: यह जानकारी फूड एंड वाइन एक्सपर्ट्स के हवाले से दी गई है. इसका मकसद किसी भी तरीके से शराब पीने को बढ़ावा देना नहीं है.)