14 Dec 2022 By: Aajtak.in

एक से बढ़कर एक चाय, इनमें से कितनी पी चुके हैं आप? 

क्या आप जानते हैं भारत के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग अंदाज से चाय तैयार की जाती है.

Pic Credit: urf7i/instagram

असम की रोंगा साह: असम के चाय बागानों की खास किस्म की चाय होती है रोंगा साह. दिखने में ये चाय हल्के लाल और भूरे रंग की होती है. इसको चाय की ताजा पत्तियों से बनाया जाता है. 

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बंगाल की लेबू चा: इस चाय को दूध के बिना बनाते  है. इसमें पानी के साथ चायपत्ती समेत कई मसाले डाले जाते हैं. साथ ही नींबू निचोड़ा जाता है. 

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हैदराबाद की ईरानी चाय: ईरानी चाय को 19वीं शताब्दी के दौरान फारसियों द्वारा भारत लाया गया. इस चाय में मावा या खोया मिलाते  हैं. दालचीनी और हरी इलायची भी मिला सकते हैं.

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केरल की सुलेमानी चाय: ये चाय केरल के मालाबार क्षेत्र से है. दूध के बजाए इसे लौंग, इलायची, दालचीनी, पुदीने की पत्तियों से बनाते हैं. साथ ही इसमें नींबू, शहद भी डालते हैं. 

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हिमाचल की कांगड़ा चाय: कांगड़ा को उत्तर भारत की चाय की राजधानी भी कहते हैं. कांगड़ा रीजन में 19वीं सदी से ब्लैक और ग्रीन टी उगाई जा रही हैं. इसका स्वाद हल्का तीखा लगता है. 

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बंगाल की दार्जिलिंग चाय: दार्जिलिंग चाय दुनिया में सबसे ज्यादा ऊंचाई पर उगने वाली चाय है. यह बंगाल के दार्जिलिंग जिले में उगाया जाता है. इसे 'चाय की शैम्पेन' भी कहा जाता है.

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 नीलगिरी चाय: इसे तमिलनाडु की नीलगिरी की पहाड़ियों में उगाया जाता है. इसमें डस्क ऑर्किड और वुडी प्लम का हल्का स्वाद आता है. इसमें फ्रूटी के साथ मसालेदार स्वाद भी आएगा. 

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कश्मीर की नून चाय: कश्मीर की चाय अन्य   राज्यों की चाय से अलग होती है. कश्मीर की चाय को नून चाय कहते  हैं. इसे कश्मीरी घरों में सुबह और शाम के वक्त पिया जाता है.

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