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शराब पीने के शौकीन लोगों ने शराब के पटियाला पेग का नाम जरूर सुना होगा.
हालांकि, बहुत कम लोग ही होंगे जो इस बारे में जानकारी रखते होंगे कि आखिर कैसे पंजाब के शहर से शराब के पेग का नाम जुड़ा.
आइए जानते हैं कहां से आया पटियाला पेग और क्या है इसे बनाने का तरीका.
पटियाला पेग की कहानी पटियाला के महाराज भूपेंद्र सिंह से जुड़ी है.
कहानी है कि महराज और आइरिश टीम के बीच पोलो का मैच था.
आइरिश टीम के खिलाड़ी मैच के लिए पटियाला आए थे. वहीं, आइरिश टीम काफी मजबूत थी.
महाराजा नहीं चाहते थे कि मैच में उनकी टीम हारे, इसलिए महाराज ने दिमाग लगाया और हुई पटियाला पेग की शुरुआत.
हुआ यूं कि मैच से एक रात पहले आइरिश खिलाड़ियों को दावत पर बुलाया गया. वहां, खिलाड़ियों के लिए शराब का भी इंतजाम किया गया.
इस दावत में महाराजा ने अपनी बड़ी अंगुली से नाप कर पेग बनाए और खिलाड़ियों को दिए.
अगले दिन जब आइरिश टीम मैदान में उतरी तो वे हैंगओवर में थे और मैच हार गए.
विदेशी मेहमानों ने इसकी शिकायत महाराजा से की. महाराजा ने जवाब दिया कि पटियाला में एक बार में शराब इतनी ही मात्रा में परोसी जाती है.
इसके बाद से पटियाला पेग पूरे भारत में मशहूर हो गया.
जानकारों के मुताबिक, पटियाला पेग का शिष्टाचार है कि इसमें सिर्फ व्हिस्की ही परोसी जाए.
जहां तक मात्रा का सवाल है, भारत में 90 ml और 120 ml, दोनों ही मात्राएं बतौर पटियाला पेग परोसी जाती हैं.