जब भी एस्ट्रोनॉट्स के चांद पर जाने की बात आती है तो दिमाग में तरह-तरह के सवाल आते हैं जिसमें से एक है कि वे अंतरिक्ष में खाते क्या होंगे?
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हम हमेशा सोचते हैं कि स्पेस में क्या कुछ बनाकर खाया जाता होगा लेकिन ये तो मुनामकिन लगता है या अगर खाने का सामान खत्म हो जाए तो वह क्या करते होंगे.
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आइए जानते हैं कि अंतरिक्ष यात्रा पर जाने वाले एस्ट्रोनॉट्स क्या खा-पीकर अपने दिन गुजारते हैं-
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हर अंतरिक्ष यात्री के लिए हर दिन सिर्फ 1.7 किलोग्राम के हिसाब से खाना अंतरिक्ष में भेजा जाता है. इसमें से 450 ग्राम वजन तो खाने के कंटेनर का होता है.
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अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण नहीं होता. इसलिए एस्ट्रोनॉट्स के लिए बनाया गया खाना जीरो-ग्रैविटी को ध्यान में रखकर पकाया जाता है.
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अंतरिक्ष यात्री अगर कंटेनर या बैग को खोलता है तो उसे 2 दिन के अंदर वह खाना खत्म करना होता है. क्योंकि 2 दिन के बाद ये खाना खराब हो जाता है.
अंतरिक्ष में खाना किस तरह खाया जाएगा इस चीज पर भी काफी ध्यान दिया जाता है.
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पृथ्वी पर ही खाने को गर्म करके एल्यूमिनियम या बाईमेटालिक टिन केन में या पाउच में रख दिया जाता है. इस टिन या पाउच में खाना रखने के बाद उसे दोबारा गर्म नहीं करना पड़ता.
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खाने की रेडिएशन रोधी पैकिंग की जाती है ताकि इसे अंतरिक्ष या स्पेस स्टेशन में होने वाले किसी भी रेडिएशन से बचाया जा सके.
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कम नमी वाले खाद्य पदार्थ को पैक किया जाता है यानि कि ऐसा भोजन जो लगभग सूखे की श्रेणी में आता है. इसमें बेहद कम नमी होती है. जैसे- ड्राई फ्रूट्स, एप्रीकोट आदि.
फ्रीज किए हुए ड्राइड फूड पैक किए जाते हैं इसमें रेडी टू ईट फूड आइटम शामिल होते हैं.
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बता दें कि स्पेस स्टेशन में ओवन की सुविधा होती है. इसीलिए सूखे भोजन से पानी को निकालकर पैक कर दिया जाता है. इसमें ज्यादातर दालें आती हैं. इन्हें स्पेस स्टेशन में गर्म पानी मिलाकर खाया जाता है.
मूंगफली, क्रंच बार, चॉकलेट्स, कुकीज आदि. इन्हें फ्लेक्सिबल प्लास्टिक पाउच में रखा जाता है.
पीने वाले सभी प्रकार के पदार्थों को पाउडर-मिक्स फॉर्म में रखा जाता है. स्पेस स्टेशन पर सिर्फ गर्म पानी मिलाकर पीना होता है.
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