12th December 2021 By: Meenakshi Tyagi

क्या है क्रिसमस पर प्लम केक बनाने की वजह?

क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है. इस मौके पर केक खाने और वाइन पीने का रिवाज क्रिश्चन फैमिली में होता है. 

साथ ही क्रिसमस पर तरह-तरह के केक, पेस्ट्रीज, पाई आदि बनाए जाते हैं पर क्रिसमस को सबसे ज्यादा खास बनाता है प्लम केक. 

क्रिसमस मनाने वाले लोग घर में या फिर मार्केट से प्लम केक लाते हैं. कुछ लोग तो महीनेभर पहले से इसे बनाने की तैयारी में जुट जाते हैं. 

रम या ब्रैंडी में नट्स यानी ड्राईफ्रूट्स को भिगोकर रख दिया जाता है फिर क्रिसमस से कुछ दिन पहले इसमें बाकी चीजें मिलाकर केक तैयार कर लिया जाता है. 

क्रिसमस प्लम केक या तो सूखे फल जैसे अंगूर, करंट, किशमिश या किसी के स्वाद और पसंद के आधार पर ताजे फलों के साथ बनाया जाता है. 

ज्यादातर लोग केक में रम या ब्रांडी से भरे सूखे मेवे डालना पसंद करते हैं, जबकि कुछ बिना किसी शराब के केक बेक करते हैं. 

आइए जानते हैं कि क्रिसमस पर प्लम केक बनाने की परंपरा के पीछे की वजह क्या है? क्यों इसे माना जाता है इतना विशेष?

प्लम केक की कहानी मध्ययुगीन इंग्लैंड में शुरू हुई थी, जहां क्रिसमस आने के एक हफ्ते पहले से व्रत यानी फास्ट का पालन करना एक लोकप्रिय परंपरा थी. 

ऐसा कहना था कि व्रत आगे के दिनों के खान-पान के लिए शरीर को अच्छी स्थिति में रखेगा. 

परंपराओं के अनुसार, क्रिसमस की पूर्व संध्या पर एक तरह का दलिया पकाया जाता था और इसे पेट भर खाया जाता था. 

यह दलिया ओट्स, सूखे मेवे, मसाले, शहद और कभी-कभी मांस के साथ तैयार किया जाता था, जिसे क्रिसमस पुडिंग भी कहा जाता था. 

धीरे-धीरे लोगों ने एक ही सामग्री का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया और क्रिसमस पर प्लम और अन्य सूखे फलों के साथ फल केक बनाए. 

इसी तरह क्रिसमस पर प्लम केक बनाने की परंपरा शुरू हुई. 

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