शाहरुख खान की वाइफ गौरी खान हिंदू-पंजाबी फैमिली से ताल्लुक रखती हैं. शादी से पहले उनका नाम गौरी छिब्बर था.
Credit: Instagram
गौरी खान की उम्र 53 साल है और वह काफी फूडी हैं. उन्हें देखकर कोई भी उनकी उम्र नहीं बता सकता.
Credit: Instagram
हाल ही में गौरी खान ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि जब वह बाहर होती हैं तो वह अक्सर एशियन फूड ही खाना पसंद करती हैं.
Credit: Instagram
इसके साथ ही गौरी को पंजाबी फूड्स काफी पसंद है. स्पेशली दाल-मखनी उनकी फेवरेट है. दाल मखनी को साबुत काली दाल (उड़द दाल) और लाल राजमा से बनाया जाता है जो नॉर्थ इंडिया की फेमस डिश है.
Credit: Instagram
दाल मखनी का मलाईदार और स्वादिष्ट टेस्ट, फूड लवर्स का पसंदीदा है. टमाटर आधारित गाढ़ी ग्रेवी में धीमी गति से पकाई जाने वाली दाल मखनी, क्रीम और मक्खन मिलाने के बाद अपने असली रूप में आती है.
Credit: Instagram
दाल मखनी खाने के कई हेल्थ बेनिफिट्स होते हैं जिन्हें जानना काफी जरूरी है.
Credit: Instagram
दाल मखनी में साबुत काली दाल होती है जो प्रोटीन से भरपूर होती है. वहीं इसमें डाला जाने वाला राजमा भी प्रोटीन का मुख्य सोर्स है. इसलिए कहना गलत नहीं होगा कि दाल मखनी में प्रोटीन काफी मात्रा में होता है.
Credit: Instagram
साबुत काली दाल और लाल राजमा फाइबर से भरपूर होते हैं और डाइजेशन को भी सही रखते हैं. इसमें मौजूद फाइबर बाउल मूवमेंट्स को रेगुलरेट करता है और कब्ज से रोकता है. फाइबर पेट भरा होने का अहसास भी कराता है.
Credit: Instagram
दाल मखनी में क्रीम डाली जाती है लेकिन इसमें ऑलिव ऑयल या घी भी डाला जाता है जो कि हेल्दी फैट के सोर्स हैं. मस्तिष्क के कार्य, हार्मोन उत्पादन और ओवरऑल हेल्थ को सही रखने में हेल्दी फैट काफी अच्छा योगदान करता है.
Credit: Instagram
दाल मखनी आयरन, फास्फोरस और पोटेशियम का एक अच्छा सोर्स है. आयरन लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन और एनीमिया को रोकने के लिए आवश्यक है जबकि फास्फोरस हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है.
Credit: Instagram
कम मात्रा में दाल मखनी का सेवन हेल्दी हो सकता है क्योंकि यह प्रोटीन, फाइबर और विटामिन का अच्छा सोर्स है. लेकिन इसमें बटर, मक्खन या क्रीम के कारण कैलोरी अधिक होती है इसलिए अधिक मात्रा में खाने से वजन बढ़ने के साथ कुछ अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं.
Credit: Instagram