जॉनी वॉकर ब्रांड की रेड लेबल और ब्लैक लेबल बेस्ट सेलिंग स्कॉच व्हिस्की में गिनी जाती हैं.
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रेड लेबल और ब्लैक लेबल दोनों ही स्कॉच व्हिस्की हैं, एक ही ब्रांड की हैं, एक दूसरे की कीमत में भी थोड़ा ही फर्क है तो आखिर इनमें अंतर क्या है?
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दोनों एक दूसरे से इतनी मिलती जुलती हैं फिर दोनों को अलग-अलग क्यों बनाया गया है? यह सवाल किसी के भी जहन में आ सकता है तो आइए जानते हैं रेड लेबल और ब्लैक लेबल में क्या है अंतर.
सबसे पहले तो यह जान लीजिए कि सभी स्कॉच, सिंगल माल्ट/ब्लेंडेड माल्ट/ब्लेंडेड व्हिस्की, कम से कम 3 वर्ष पुरानी होनी आवश्यक है.
रेड लेबल व्हिस्की पर यह नहीं लिखा होता कि उसे कितने सालों तक फर्मेंट किया गया है. इसीलिए यह मान लिया जाता है कि इसकी न्यूनतम उम्र 3 साल तो है ही.
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वहीं, ब्लैक लेबल पर साफ लिखा होता कि उसे 12 साल फर्मेंट करके रखा गया है और फिर बोतल में डाला गया है. इसकी बोतल पर लिखा आता है 12 Years.
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रेड लेबल में शहद, वनीला, खुबानी फल, स्टार फ्रूट की खुशबू आती है. वहीं, ब्लैक लेबल में शहद, वनीला, नाशपाती, ओक पेड़, अनाज की खुशबू आती है.
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ब्लैक लेबल स्कॉच व्हिस्की की खुशबू थोड़ी मीठी और फ्रूटी होती है वहीं, रेड लेबल की खुशबू ब्लैक लेबल के मुकाबले थोड़ी लाइट होती है.
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स्वाद में देखा जाए तो, रेड लेबल और ब्लैक का स्वाद इस्तेमाल होने वाली सामग्री और कितने साल इन्हें फर्मेंट क्या गया है इसपर निर्भर करता है. रेड लेबल को ब्लैक लेबल से थोड़ा कड़वा माना जा सकता है.
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रेड लेबल के मुकाबले ब्लैक लेबल का स्वाद थोड़ा हल्का और फ्रूटी होता है. इसका फ्लेवर ज्यादा रिच माना जाता है.
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(Disclaimer: यह जानकारी फूड एंड वाइन एक्सपर्ट्स के हवाले से दी गई है. इसका मकसद किसी भी तरीके से शराब पीने को बढ़ावा देना नहीं है.)
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