नवरात्रि के त्योहार में मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की जाती है, जिसमें अष्टमी या नवमी वाले दिन कन्या भोज रखा जाता है.
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कन्या भोजन की थाली में हलवा, चने सब्जी और पूरी जरूर शामिल होती हैं. भोग के लिए मुलायम और फूली पूरियां तो अच्छा लगता है.
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पूरी या पूड़ी के लिए आटा में घी या तेल का मोयन जरूर मिलाएं. आटा गूंदने के बाद इसे कम से कम आधा घंटे के लिए ढककर रखें. तभी पूरियां करारी और फूली हुई बनेंगी.
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पूरियों के लिए आटा बहुत सख्त या नरम नहीं गूंथना चाहिए.
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अगर आप ज्यादा पूरियां बना रहे हैं तो पूरियों को बेलने के बाद एक प्लेट में फैलाएं और फिर कपड़े से ढक दें.
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एक के ऊपर एक पूरियां न रखें वरना ये चिपक जाएंगी. इन्हें बेलने के बाद 10-15 मिनट से अधिक समय तक न रखें.
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पूरियां तलने के लिए तेल अच्छी तरह से गर्म होना चाहिए नहीं तो यह नहीं फूलेंगी.
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पूरियां बेलने के लिए सूखा आटा न लगाएं. तेल लगाकर बेलेंगी तो यह जल्दी फूलेंगी और कड़ाही के तली में कालापन भी जमा नहीं होगा.
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पूरी तलते वक्ते छेद वाली कड़छी की मदद से हल्का-सा दबाएं. पूरी एकदम फूल जाएगी.
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अगर आप गर्मागर्म खाने के लिए पूरी तल रहे हैं तो पूरियों को मीडियम से धीमी आंच पर तलें. ऐसा करने से पूरियां करारी बनती हैं, लेकिन अगर आप पूरियों को बाद में खाने के लिए बनाकर रखना चाहते हैं इन्हें तेज आंच पर ही तलें.
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