शराब और चखने का रिश्ता पुराना है. दारू पीने के शौकीनों के जुबान से यह अक्सर कहते सुना है कि चखने में क्या है?
अंत में सभी मूंगफली पर आकर टिक जाते हैं. चखने में मूंगफली हो यह तो फिक्स ही है. अगर मेन्यू में लिखा भी ना हो तो समझ जाइए कि शराब के साथ चखने में मूंगफली भी आने लगी है.
बार में पीनट चाट, कार में बैठे दारू पी रहे लोगों के हाथ में मसाला पीनट्स का पैकेट हमेशा नजर आता है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हमेशा मूंगफली ही क्यों?
अगर आपसे पूछा जाए तो शायद आप इसे एक कॉमन च्वॉइस कहेंगे या यह कि सालों से खाते आ रहे हैं तो इसका चलन चल पड़ा है. आइए हम आपको सच्चाई से रुबरू कराते हैं.
शराब के साथ मूंगफली जरूर सर्व की जाए इसका श्रेय बार और पब के लालची मालिकों को जाता है. दरअसर, साइंटिफिक तौर पर देखें तो मूंगफली का सेवन हमारे गले को सुखाता है.
जब हमारा गला सूखता है तो समाने रखी शराब का घूंठ हम ले लेते हैं. शराब का घूंठ लेते-लेते कब हम इच्छा से ज्यादा शराब पी जाते हैं पता नहीं चलता और बिल बनता है पब वालों का.
धंधा करने का ये तरीका अभी तक चला आ रहा है, इसीलिए शराब के साथ पब में मूंगफली सर्व की जाती है. अब लोगों को इसकी आदत भी हो चुकी है.
कुछ वैज्ञानिकों का भी मानना है कि बीयर के साथ मूंगफली फायदेमंद है. यह कॉम्बो शरीर में पानी कम होने पर रिहाईड्रेशन में मदद करता है.