इस वक्त देशभर में भीषण गर्मी पड़ रही है. कई राज्यों में तापमान 48 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है.
हीटवेव की स्थिति में खुद को हाइड्रेटेड रखने के लिए लोग शेक और जूस का सहारा ले रहे हैं.
अगर आपको पता चले कि जिस शेक और जूस को आप पी रहे हैं उसमें मिलावट है.इसके चलते आप बीमार हो गए हैं तो आपको भारी धक्का लगेगा.
दरअसल, जूस और शेक को टेस्टी बनाने के लिए कई सिंथेटिक कलर्स, केमिकल्स, पेस्टिसाइड्स का इस्तेमाल किया जाता है.
हाल ही हेल्थ डिपार्टमेंट ऑफ अहमदाबाद म्युनिसिपल कार्पोरेशन ने 4 मैंगो सैंपल्स में सिंथेटिक कलर की मिलावट पाई है.
इन 4 मैंगो सैंपल्स को मिलाकर 7 फूड्स की क्वॉलिटी स्टैंडर्ड से कमी पाई गई है.ऐसे में 7 दुकानों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.
रिपोर्ट के मुताबिक इन फूड सैंपल्स में टार्ट्राजिन येलो कलर की मिलावट की गई थी.
टार्टराजिन येलो एक सिंथेटिक येलो फूड डाई है जो पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स से बनता है.इसे ड्रिंक्स के कलर को अच्छा दिखाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
ड्रिंक या जूस में टार्ट्राजिन येलो डाई के इस्तेमाल से लिप्स,थ्रोट,मुंह, गर्दन पर सूजन की स्थिति आ सकती है.
लगातार ऐसे जूस के सेवन से आपको अस्थमा की भी दिक्कत हो सकती है.इसके अलावा आपके डीएनए सेल्स डैमेज हो सकते हैं जो कैंसर होने की मुख्य वजह बन सकता है.
टार्टराजिन येलो डाई का इस्तेमाल शेक या ड्रिंक में किया गया है कि नहीं. इसका पता लगाना मुश्किल है.
ऐसे में कोशिश ये करना चाहिए कि घर पर ही बने शेक या जूस का सेवन करें.
अगर बाहर किसी शॉप पर इन जूस या शेक का सेवन कर रहे हैं तो उसके बनने की पूरी प्रकिया पर सतर्कता से नजर रखें.