22 Aug 2025
Photo: AI generated & Freepik
हम में से कई लोग यह मानते हैं कि गुड़ सफेद चीनी से ज्यादा हेल्दी होता है. इसे नेचुरल और बिना रिफाइंड किया हुआ माना जाता है, इसलिए अक्सर लोग चीनी की जगह गुड़ लेना पसंद करते हैं.
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लेकिन क्या सच में गुड़ सफेद चीनी से ज्यादा हेल्दी है?
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इस बारे में हेल्थ एक्सपर्ट करण सरीन का कहना है कि अगर किसी को डायबिटीज है, इंसुलिन रेजिस्टेंस है या वो अपनी मेटाबॉलिक हेल्थ को बेहतर बनाए रखना चाहता है तो उसके लिए गुड़ भी चीनी की तरह ही है.
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'भले ही गुड़ आपको ज्यादा नेचुरल या देसी लगे लेकिन आपके शरीर को इससे फर्क नहीं पड़ता कि मिठास किस चीज से आई है. जब मीठा चीज आपके शरीर में जाता है तो शरीर सिर्फ उसमें मौजूद ग्लूकोज और फ्रक्टोज (शक्कर) को पहचानता है और उसी के हिसाब से रिएक्शन करता है.'
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'रिफाइंड शुगर लगभग पूरी तरह से सुक्रोज होती है, जबकि गुड़ में थोड़ा बहुत आयरन, पोटैशियम, मैग्नीशियम और कुछ एंटीऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं, क्योंकि इसे ज्यादा प्रोसेस नहीं किया जाता.'
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'लेकिन सच यह है कि चाहे गुड़ हो या सफेद चीनी, दोनों को सीमित मात्रा में ही लेना चाहिए, खासकर तब जब आपको डायबिटीज या कोई हेल्थ इश्यू हो तब.'
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'अगर हम गुड़ को गहराई से देखें तो इसमें ज्यादातर हिस्सा चीनी ही होता है. आमतौर पर 65-90% तक सुक्रोज (चीनी) होती है, यह गुड़ की किस्म पर निर्भर करता है. वहीं, कैलोरी के मामले में भी गुड़ और सफेद चीनी लगभग एक जैसे ही हैं.'
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'बात करें, ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) की तो सफेद चीनी का GI लगभग 65 होता है और गुंड़ का GI लगभग 84 या उससे ज्यादा होता है. इसका मतलब है कि गुड़ सफेद चीनी के मुकाबले ज्यादा तेजी से ब्लड शुगर को बढ़ा सकता है जबकि हम इसे हेल्दी मानते हैं.'
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मतलब साफ है आपके शरीर के लिए गुड़ और चीनी में कोई फर्क नहीं है. दोनों का असर आपके लिए बराबर ही है.
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