आज यानी 19 अक्टूबर को इंटरनेशनल जिन एंड टॉनिक डे का जश्न मनाया जाता है.
इस मौके पर हम आपको बता रहे हैं क्या है आखिर जिन एंड टॉनिक और कैसे ये ड्रिंक अंग्रेजों की हेल्दी ड्रिंक बनी.
दावा किया जाता है कि साल 1270 में नीदरलैंड्स के मंक्स या साधुओं ने जूनिपर के फलों से एक पारदर्शी शराब तैयार की, जिसे जिन कहा गया.
जिन को शुरुआत में नीदरलैंड्स में ही पिया जाता था. हालांकि, बाद में यह ब्रिटिश सैनिकों के बीच भी लोकप्रिय हो गया.
कहते हैं कि एंग्लो-डच वॉर के दौरान जंग पर जाने से पहले ये सैनिक जिन का सेवन करते थे ताकि बरसती गोलियों और गरजती तोपों के बीच लड़ने की हिम्मत मिल सके.
टॉनिक वॉटर की बात करें तो इसका उदय दक्षिणी अमेरिका में बताया जाता है. यहां मलेरिया के इलाज के लिए सिनकोना पेड़ की छाल का इस्तेमाल किया जाता था.
छाल से तैयार कुनैन के पाउडर को पानी और चीनी के साथ पिया जाता था, जो टॉनिक वॉटर था. बाद में कार्बोनेटेड वॉटर के आविष्कार के बाद टॉनिक वॉटर का स्वादिष्ट विकल्प दुनिया को मिला.
कालान्तर में मलेरिया से लड़ने की ताकत देने वाली यह ड्रिंक ब्रिटिश अफसरों के बीच बेहद मशहूर हो गई. टॉनिक वॉटर में कुनैन की मात्रा कम होती थी, इसलिए इसका स्वाद जरा मीठा होता था.
वहीं, इसमें मिलाई गई जिन को जूनिपर (juniper) पेड़ से मिलने वाले बेरी फलों से तैयार किया जाता था.
उस वक्त जूनिपर को गाउट, गालस्टोन और पेट की कई समस्याओं के इलाज के तौर पर देखा जाता था. ऐसे में यह कॉकटेल अंग्रेजों के लिए एक 'हेल्दी ड्रिंक' में तब्दील हो गई थी.