ब्रेड और तरह-तरह की सॉसेज़ से भरा हॉट डॉग एक बढ़िया स्नैक है. यह खाने में काफी स्वादिष्ट लगता है और फटाफट बनकर तैयार हो जाता है.
विदेशों में हॉट डॉग काफी प्रचलित है. क्या आपने कभी सोचा है कि इसका नाम 'हॉट डॉग' कैसे पड़ा? इसे लेकर कई कहानियां बताई जाती हैं.
कुछ कहते हैं कि इस शब्द का पहली बार इस्तेमाल 1901 में अमेरिकी शहर मेन्यूयॉर्क के पोलो ग्राउंड्स में अप्रैल के दिनों में हुई थी.
ग्राउंड में कुछ फेरीवाले गर्मागर्म रोल्स बेच रहे थे. वे चिल्ला रहे थे, "ये बेहद गर्मं हैं. इनके गर्म रहते-रहते अपने डैशहुंड (Dachshund) सॉसेज ले जाएं."
दरसअल, रोल्स में इस्तेमाल हुए सॉसेज आकार में जर्मन ब्रीड के कुत्ते Dachshund से काफी मिलते थे, इसलिए फेरीवाले इन्हें डैशहुंड सॉसेज कह रहे थे.
कहानी के मुताबिक, न्यूयॉर्क जर्नल के स्पोर्ट्स कार्टूनिस्ट टैड डॉर्गन, ने इस दृश्य को ध्यान से देखा और बहुत जल्दी में एक कार्टून बनाया.
कार्टून में इन गर्म रोल्स के अंदर गर्मागर्म सॉसेज को डॉर्गन ने भौंकते हुए कुत्तों के तौर पर दिखाया और उन्हें सिर्फ "हॉट डॉग" लिख दिया.
कहते हैं कि यह कार्टून काफी धमाकेदार था, जिसके बाद "हॉट डॉग" शब्द प्रचलित हो गया. तबसे इस स्नैक्स को हॉट डॉग ही कहा जाने लगा.
एक कहानी यह भी है कि जब 1800 वीं सदी की शुरुआत में कुछ जर्मन शरणार्थी अमेरिका आए तो वे कई किस्म के सॉसेज़ और Dachshund कुत्ते भी लाए.
जर्मनों के खाने में इस्तेमाल ये सॉसेज़ दिखने में लंबी और पतली हुई करती थीं जिनकी तुलना वे Dachshund कुत्ते से करते थे.
वे मजाक-मजाक में इन सॉसेज को Dachshund sausage कहने लगे. यह स्नैक दिखने में उनके डैशहुंड कुत्ते से मिलता जुलता था.
कहते हैं कि इसी कारण उन्होंने इस स्नैक का नाम हॉट डॉग रख दिया. कहानी जो हो हो, लेकिन कहना गलत न होगा कि ये हॉट डॉग बेहद स्वादिष्ट होते हैं.
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