पिज्जा, बर्गर, समोसा...तमाम ऐसी खाने की चीजें हैं जिसपर लोग केचअप डालकर खाना पसंद करते हैं.
केचअप का इस्तेमाल किसी भी खाने को चटपटा और स्वादिष्ट बना देता है.
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि केचअप सबसे पहली बार कहां बना. आइए जानते हैं इसका इतिहास.
केचअप का नाम सुनते ही सबसे पहले दिमाग में आता होगा कि ये टमाटर से बनता है. आज के वक्त में ये टमाटर से बनता भी है.
लेकिन पहले के वक्त में केचअप को बनाने में मछली और सोयाबीन जैसी चीजों का इस्तेमाल होता था.
साल 1700 के आसपास चीन में पहली बार केचअप बनाया गया, लेकिन तब इसे केचअप के नाम से नहीं जाना जाता था.
चीन में इसे गेचप या कोएचप कहा जाता था. चीन में पहली बार गेचप (अब केचअप) को मछलियों और सोयाबीन से तैयार किया गया था.
इसके बाद, ये चीन से होते-होते, कुछ सालों में, इंग्लैंड पहुंचा और ये फिश गेचअप अब टोमैटो केचअप बन गया.
इंग्लैंड में लेमन और मशरूम केचअप भी मिलने लगा था. हालांकि, लेमन और मशरूम केचअप टमाटर वाले केचअप की तरह प्रसिद्ध नहीं हुआ.
आपको जानकर हैरानी होगी 1834 में टोमैटो केचअप का इस्तेमाल दवा के रूप में भी किया गया.
डॉक्टर जॉन कुक ने डायरिया, इनडाइजेशन, और पीलिया को ठीक करने के लिए केचअप के इस्तेमाल का आइडिया दिया.