उत्तर भारत की झोलदार सब्जियां हों, या मध्य भारत के नाश्ते में चाव से खाया जाता पोहा- ऊपर से हरा धनिया डालना खाने का मजा बढ़ा देती है.
किचन की मसालेदानी में भी पिसा हुई धनिया पावडर जरूर रहता है. हालांकि, दुनिया के कई देश ऐसे हैं, जो धनिया से नफरत करते हैं.
इतनी नफरत कि इसे डेविल्स हर्ब यानी शैतानी बूटी भी कहा गया. इसपर हम जैसे धनिया-प्रेमी लोगों का हैरान होना बिलकुल जायज है.
साइंस ने मासूम धनिए से कुछ खास देशों, या लोगों की चिढ़ का कारण खोज निकाला है, जो कि एक खास तरह के जीन से जुड़ा है.
जिस धनिए की पत्तियों समेत डंठल और बीज भी हम स्वाद ले-लेकर खाते हैं, उसके नाम का इतिहास वैसे खास मजेदार नहीं.
ये ग्रीस शब्द कोरोस से निकला है, जिसका मतलब है बदबू मारने वाला कीड़ा या खटमल.
कई जगहों पर इसे स्टिंकिंग हर्ब भी कहा गया. यहीं से समझ लीजिए कि क्यों और कैसे कुछ लोग इससे कितनी नफरत करते होंगे.
लगभग पूरा का पूरा ऑस्ट्रेलिया इससे दूर भागता है. यहां तक कि यहां धनिया को मोस्ट हेटेड हर्ब भी कहा जा चुका है.
2012 में कैलीफोर्निया की एक कंपनी 23andme, जो कि जीनोमिक्स और बायोटेक्नोलॉजी पर काम करती है, ने इसपर स्टडी की.
50 हजार लोगों के सैंपल साइज को लेकर हुई स्टडी में पाया गया कि धनिए से चिढ़ यूं ही नहीं, बल्कि एक जीन की वजह है.
OR6A2 नाम के इस जीन की जरूरत से ज्यादा सक्रियता के कारण लोगों को धनिए की ताजा पत्तियों और पिसे मसाले से भी साबुन जैसी गंध आने लगती है.
ऐसा एल्डिहाइड की वजह से होता है. ये एक केमिकल कंपाउंड है, जो धनिए में पाया जाता है. रिसर्च से जुड़ी अन्य डिटेल्स जानने के लिए नीचे क्लिक करें.