शराब की कड़वाहट को कम करने के लिए अथिकतर भारतीय उसमें पानी मिलाकर पीते दिखते हैं.
व्हिस्की को भी पानी के अलावा लोग सोडा, कोक, जूस और न जाने क्या-क्या मिला कर पीते हैं.
कई लोग व्हिस्की को मिनरल वाटर के साथ भी मिलाकर पीना पसंद करते हैं.
हालांकि, एक्सपर्ट्स का मानना है कि व्हिस्की को मिनरल वाटर के साथ बिल्कुल नहीं पीना चाहिए.
बता दें कि व्हिस्की बनाने में स्प्रिंग वाटर यूज होता है. इस पानी को डिमिनरलाइज किया जाता है और इसमें से सारे मिनरल्स को हटाया जा सकें.
ऐसे में अगर आप व्हिस्की को मिनरल वाटर के साथ पिएंगे तो पहले स्प्रिंग वाटर से केमिकल हटाने की प्रासंगिकता खत्म हो जाती है.
साथ ही मिनरल वाटर में मौजूद मिनरल प्रोफाइल व्हिस्की में मौजूद कंपाउंड उनके केमिकल कंपोजिशन को अल्टर कर सकते हैं.
इसके अलावा मिनरल वाटर में मौजूद कैल्शियम, पोटैशियम, सोडियम व्हिस्की के स्वाद को बेहद खराब कर सकते हैं, जिससे आपके मुंह का टेस्ट बिगड़ सकता है.
ऐसे में अक्सर मिनलर वाटर के साथ व्हिस्की पीते हैं तो बॉडी में सोडियम इनटेक बढ़ सकता है. इससे इंट्रावास्कुलर ब्लड का फ्लो बढ़ सकता है.
ऐसा होने से आप हाई बीपी के मरीज हो सकते हैं. इसके अलावा सोडियम की अधिकता किडनी को भी नुकसान करता है.
वहीं, सीमित मात्रा से ज्यादा एक्सट्रा पोटैशियम और कैल्शियम इनटेक भी बॉडी के लिए फायदेमंद नहीं होता है.
डिस्कलेमर: यह जानकारी फूड और वाइन एक्सपर्ट्स हवाले से दी गई है. इसका मकसद किसी भी तरीके से शराब पीने को बढ़ावा देना नहीं है.