अंजीर में फाइबर, मैग्नीशियम, पोटेशियम, विटामिन और विटामिन बी-6 भरपूर मात्रा में पाया जाता है.
इसके सेवन से हृदय संबंधित रोगों का खतरा कम किया जा सकता है. साथ ही यह पाचन तंत्र भी दुरुस्त रखता है.
अंजीर में कैल्सियम पाया जाता है जो आपकी हड्डियों को मजबूत रखता है. इसके अलावा इसे खाने से ब्लड शुगर भी कंट्रोल में रहता है.
हम आपको यहां अंजीर की खेती से लेकर उसे ड्राई फ्रूट में तब्दील करने तक की प्रोसेसिंग के बारे में जानकारी दे रहे हैं.
अंजीर के पौधे को मार्च के महीने में लगाना चाहिए अधिक गर्म और ठंड ना होने के चलते इसके पौधों के खराब होने की आशंका कम हो जाती है
इसके पौधे को ज्यादा सिंचाई की भी जरूरत नहीं पड़ती है. यह दो साल बाद ही पैदावार देना शुरू कर देता. इसके चार-पांच साल पुराने एक पौधे से 15 किलो के आसपास फल प्राप्त होते हैं.
अंजीर जब पक जाएं तभी इसकी तुड़ाई करें. पकने पर इसके फल मुलायम हो जाते हैं.
तुड़ाई करने के बाद इसके खराब हो चुके फलों को हटा दें. बबल वॉशर के जरिए फल को साफ करें.फिर चाकू के जरिए इन फलों को काट लें या फिर ग्राइंड कर लें.
फिर इन फलों को काटकर हीटिंग मशीन में डाल कर सूखा लें या फिर धूप में सूखने के लिए रख दें. पूरी तरह से सूखने के बाद ये फल मेवे में तब्दील हो जाता है.
आप अंजीर का सेवन ड्राई फ्रूट के तौर पर कर सकते हैं. इसके अलावा इसका पेस्ट बनाकर भी इस्तेमाल कर सकते हैं.