कोल्ड्रिंक या सोडा में मिलाकर शराब पीने का चलन सालों से चला आ रहा है, मानना है कि इससे शराब कड़वी नहीं लगती और टेस्ट भी अच्छा हो जाता है.
कहते हैं कि भारत में इस चलन की शुरुआत अंग्रेजों ने की थी. आज भी बार-पब में व्हिस्की को पानी और सोडा के साथ परोसा जाना बेहद लोकप्रिय है, जिसे व्हिस्की हाईबाल भी कहते हैं.
सोडे या कोल्ड्रिंक के साथ पीना आम है, कुछ लोग सोडा चुनते हैं तो कुछ लोग कोल्ड्रिंक, लेकिन क्या आप जानते हैं इन दोनों को मिलाकर पीने से शराब किस तरह असर करती है?
आइए जानते हैं यह दोनों कॉम्बिनेशन शरीर में कैसे और कैसा असर डालते हैं.
सोडे में मौजूद कार्बन डाई ऑक्साइड अल्कोहल को बुलबुले वाला खूबसूरत टेक्स्चर देता है. यह शराब के साथ शरीर में आसानी से घुल जाता है और हमें तुरंत नशे का एहसास होता है.
इससे नशे का असर तो जल्दी होता है लेकिन नियमित तौर पर शराब के साथ सोडा शरीर को नुकसान भी पहुंचा सकता है. इसका कारण है सोडे में मौसूद फास्फोरिक एसिड.
फास्फोरिक एसिड शरीर के कैल्शियम को यूरीन के रास्ते बाहर निकालता है, जिससे हड्डियां कमजोर पड़ना शुरू हो जाती हैं.
वहीं, अच्छे टेस्ट के लिए कई लोग कोक या स्प्राइट शराब में मिलाकर पीते हैं. सोडे के मुकाबले कोल्ड्रिंक में शराब पीने से नशे का असर धीमा और कम हो जाता है.
स्टडी के मुताबिक, बिना कुछ मिलाए शराब पीने वालों के मुकाबले में सॉफ्ट ड्रिंक मिलाकर पीने वालों में ब्लड अल्कोहल कॉन्सनट्रेशन 18 प्रतिशत ज्यादा पाई गई.
कोल्ड्रिंक में कैफीन होता जो शरीर को जगाए रखती और एल्कॉहल में इसका उल्टा होता है. इसीलिए नियमित तौर पर इन दोनों का सेवन से डिहाइड्रेशन और हैंगओवर हो सकता है.
(Disclaimer: यह जानकारी फूड एंड वाइन एक्सपर्ट्स के हवाले से दी गई है. इसका मकसद किसी भी तरीके से शराब पीने को बढ़ावा देना नहीं है.)