बाजार में मिलने वाली अधिकतर चीजों में मिलावट की जाने लगी है. कम मात्रा में ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए दुकानदार ड्राई फ्रूट्स में भी तरह-तरह की मिलावट कर रहे हैं.
मिलावटखोरों ने किशमिश को भी नहीं छोड़ा है. जरूरी नहीं है कि जो किशमिश आप खा रहे हैं वह पूरी तरह शुद्ध हो.
किशमिश को खाने से पहले उसमें मिलवाट की जांच जरूर कर लें. आइए जानते हैं असली- नकली किशमिश को पहचानने का तरीका.
किशमिश को फ्रेश दिखाने के लिए और वह एक-दूसरे से चिपके नहीं, इसके लिए उन्हें कैनोला ऑयल से कोट किया जाता है. इससे कुछ समय तक तो किशमिश सही रहती है.
लेकिन कुछ समय बाद तेल खराब हो जाता है जिससे किशमिश से बदबू आना शुरू हो जाती है.
किशमिश को दुकानदार धूप में रख देते हैं ताकि उनमें लगी फंफूदी गायब हो जाए. ऐसे मे आप किशमिश को सूंघकर देखें. अगर आपको किशमिश में अजीब सी गंध आए तो उसे खरीदने से बचें.
किशमिश का असली रंग यूनिफॉर्म और हल्के रंग का होता है. अगर आपकी किशमिश का रंग कहीं पर हल्का और कहीं पर गहरा है तो इसका मतलब किशमिश नकली है.
अगर किशमिश अच्छी और हाई क्वालिटी की होगी तो उसके ऊपर बेहद छोटी स्टेम होगी वहीं बेकार अंगूरों से बनी किशमिश के ऊपर काफी बड़ी स्टेम नजर आयेगी.
कई बार किशमिश में गोल्डन रंग मिलाया जाता है इसलिए हथेली पर किशमिश के कुछ दाने रखकर रगड़ कर देखें, अगर कुछ रंग जैसा निकल रहा है तो ऐसी किशमिश खरीदने से बचें.