सैफ्रन क्रोकस के फूलों से केसर बनता है करीबन एक औंस केसर पैदा करने में लगभग 1,000 फूलों की जरूरत होती है.
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ज्यादा लागत और कम क्वाटिंटी होने के कारण केसर के दाम भी काफी ज्यादा होते हैं लेकिन डिमांड में कोई कमी नहीं आती.
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डिमांड ज्यादा होने की वजह से बाजार में नकली केसर धड़ल्ले से बेची जाती है. भारी दाम देकर नकली केसर लेने से अच्छा है कि आप असली नकली का पता लगा लें.
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1 गिलास गरम पानी में केसर का एक धागा डालें. असली केसर तुरंत रंग छोड़ने लगेगा. वहीं, नकली होगा तो ऐसा नहीं करेगा.
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असली केसर पानी में पूरी तरह घुलता नहीं है. रंग छोड़ने के बाद इसका छोटा रेशा पानी में रह जाता है.
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अगर केसर नकली होगा तो हल्की सी नमी आपने पर ही इसके धागे रंग छोड़कर आपस में चिपक जाएंगे.
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केसरे के रेशे को हाथ पर मसलकर देखिए अगर तुरंत इसके टुकड़े हो जाएं तो मतलब यह असली है.
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असली केसर को आप खुशबू से ही पहचान लेंगे. अगर केसर से मीठी और सौंधी खुशबू आए तो मतलब यह असली है.
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