ऑफिस के बाद शाम को या कॉलेज के बंक की अपनी अपनी कहानियां हैं, ये जिन महफिलों से निकलती हैं वहां एक व्हिस्की जो पॉपुलर है वो 8 PM है.
Credit: radicokhaitan
लोअर मिडल या मिडल क्लास के लोगों के लिए 8 PM व्हिस्की दिल के बहुत करीब होती है. जब इसने मार्केट में अपनी पकड़ बनाई तो धीरे-धीरे लोगों को भी ये काफी भाने लगी.
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आज भी अगर कुछ पुराने लोगों से इसके बारे में पूछ लिया जाए तो वह सारी पुरानी बातें, दोस्तों के साथ महफिलों के किस्से सुना देंगे.
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लेकिन क्या आपने सोचा है कि इस मशहूर 8 PM व्हिस्की की असली कहानी क्या है, कैसे ये शुरू हुई और इसका नाम यही क्यों रखा गया.
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क्योंकि शराब अक्सर लोग सूरज ढलने के बाद ही पीते हैं, तो इस व्हिस्की का नाम भी इसी वजह से 8 PM रखा गया. बता दें कि इस व्हिस्की में 42.8 प्रतिशत एल्कोहल होता है.
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8 PM व्हिस्की की निर्माता कंपनी रेडिको खेतान लिमिटेड (RKL) है. यह भारतीय निर्मित विदेशी शराब (IMFL) के सबसे पुराने और सबसे बड़े निर्माताओं में से एक है.
इस कंपनी को पहले रामपुर डिस्टिलरी के नाम से जाना जाता था. साल 1998 में 8PM व्हिस्की के लॉन्च के साथ पिता ललित और बेटे अभिषेक ने अपने ब्रांड की शुरुआत की थी.
जब लोगों को सस्ते दाम में इतनी बढ़िया व्हिस्की मिली तो कई लोगों देसी छोड़कर 8 PM शिफ्ट हो गए, इसी तरह यह कई महफिलों की जान बनने लगी.
कमाल की बात यह भी है कि 8 PM Whisky शराब उद्योग का पहला ब्रांड है जिसने लॉन्च के पहले ही साल में दस लाख पेटी बेचने के लिए 'लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स 2001' का खिताब अपने नाम किया है.
Credit: Radico Khaitan