By: Aajtak.in

लड़कियों की जींस की पॉकेट इतनी छोटी क्यों होती है? दिलचस्प है वजह

BY- Mradul Singh Rajpoot

पिछले कुछ सालों से जींस यंगस्टर्स की नंबर वन पसंद बना हुआ है. इसे पहनने से कूल के साथ स्टाइलिश लुक भी मिलता है.

स्टाइलिश लुक

लड़का हो या लड़की, दोनों के लिए मार्केट में अलग-अलग डिजाइन के जींस मौजूद हैं.

कई प्रकार के जींस

जींस के बारे में कई सारे ऐसे फैक्ट्स हैं जिनसे लोग अनजान हैं.

ऐसा ही एक इंटरेस्टिंग फैक्ट है जिसके बारे में आपने कभी नहीं सोचा होगा. वो फैक्ट है कि लड़कियों के जींस की पॉकेट लड़कों की जींस की अपेक्षा काफी छोटी होती है.

क्या आपने इस बारे में सोचा कि आखिर ऐसा क्यों होता है? अगर नहीं सोचा तो आइए हम आपको बताते हैं.

लड़कियों के जींस की पॉकेट इतनी छोटी होती हैं कि उसमें मोबाइल तक नहीं जाता इसलिए ही आपने देखा होगा लड़कियों जब मोबाइल पॉकेट में रखती हैं तो वह आधा बाहर निकला रहता है.

दरअसल, 1790 के दशक में महिलाओं के कपड़े इतने टाइट होते थे कि उनमें जेब नहीं होती थी. 


1800 शताब्दी में महिलाओं ने पर्स रखना शुरू किया जिसे रेटिक्यूल (Reticules) कहा जाता था लेकिन उसमें भी रूमाल और कुछ सिक्के ही आ सकते थे. 


पर्स के छोटे रखने का यह कारण था कि उस समय महिलाओं को पैसों के लिए पुरुषों पर निर्भर रहना होता था और इस कारण से महिलाओं को पैसे की कोई जरूरत नहीं होती थी. 

20वीं सदी के पहले दशक में महिलाओं ने पैंट पहनना शुरू किया और उसमें पॉकेट आने लगी.

जब दुनिया में हैंडबैग का चलन आ गया और जेबों का आकार समय के हिसाब से कम होने लगा. 

एक्सपर्ट्स का मानना है कि फैशन इंडस्ट्री मेल डॉमिनेटिंग है इसलिए वो महिलाओं के कपड़ों में कंफर्ट से ज्यादा फैशन पर ध्यान देते हैं. 

वहीं कुछ अन्य एक्सपर्ट्स का मानना है कि कपड़े की क्रॉस कटिंग के लिए जींस मेकर्स जींस की जेब छोटी रखते हैं. 

इस कारण से महिलाओं के कपड़ो में पॉकेट या तो छोटी होती हैं या फिर होती ही नहीं हैं. 

लड़कियों के कपड़ों में जेबों के छोटे होने या नहीं होने का कारण हैंडबैग और पर्स की बिक्री भी है.

एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर लड़कियां पॉकेट में ही सब सामान रखने लगेंगी तो हैंडबैग कौन खरीदेगा.

हालांकि समय के मुताबिक थोड़ा बदलाव हुआ है और लड़कियों की ड्रेसेज में कुछ बड़ी पॉकेट्स आने लगी हैं.