पिता चलाते थे रिक्शा, बेटा बना IAS, अब बड़े पर्दे पर दिखेगी कहानी
अगर दिल में कुछ कर गुजरने का जुनून हो, तो मंजिल मिल ही जाती है. ठीक उसी तरह जैसे IAS गोविंद जायसवाल ने कठिन रास्तों पर चलकर अपने सपनों को पूरा कर लिया.
पर्दे पर दिखेगी IAS की कहानी
बिहार के रहने वाले गोविंद जायसवाल ने 2006 में UPSC की परीक्षा पास कर IAS बने और अपने पिता का सपना पूरा किया. आज दुनिया IAS गोविंद जायसवाल की मेहनत और उनके काम को सलाम कर रही है.
हालांकि, IAS बनकर कामयाबी की ऊंचाईयों को छूना उनके लिए आसान नहीं था. गोविंद जायसवाल के पिता एक रिक्शाचालक थे, जिन्होंने कई मुश्किलें झेलकर अपने बेटे को पढ़ाया और IAS बनाया.
गोविंद जायसवाल के संघर्ष की कहानी अब बड़े पर्दे पर देखने को मिलेगी. उनकी रियल लाइफ स्टोरी पर एक फिल्म बन रही है, जिसका नाम ‘अब दिल्ली दूर नहीं’ है. ये फिल्म इस साल 12 मई को रिलीज हो रही है.
बचपन में ही गोविंदा जायसवाल के सिर से मां का साया उठ गया था. गरीबी में जिंदगी गुजारने वाले गोविंद जायसवाल ने कभी अपनी निजी परेशानियों को सपनों के आगे नहीं आने दिया.
इस फिल्म के लीड एक्टर इमरान जाहिद हैं, जो पर्दे पर आईएएस गोविंद जायसवाल का रोल अदा करते देखे जाएंगे.
अपने किरदार के जरिए इमरान जाहिद आईएएस गोविंद जायसवाल के मुश्किल सफर को आम लोगों तक पहुंचाने की कोशिश करेंगे. फिल्म में श्रुति सोढ़ी भी लीड रोल में नजर आने वाली हैं, जो एक पंजाबी लड़की का किरदार अदा करेंगी.
फिल्म में देखने को मिलेगा कि कैसे छोटे से गांव में रहने वाले गोविंद जायसवाल ने वहां से निकलकर IAS बनने तक का सफर तय किया.
22 साल की उम्र में गोविंद ने AIR 48 लाकर खुद को साबित किया और बता दिया कि कोशिश करने वालों की हार नहीं होती.