घमंड ने बर्बाद कर दिया था एक्टर का करियर, फिर ऐसे बने तारक मेहता के 'बाघा' 

8 Mar 2024

Credit: Instagram

'तारक मेहता का उल्‍टा चश्‍मा' शो पिछले कई सालों से दर्शकों के चेहरे पर मुस्कान ला रहा है. इस शो का हर किरदार घर-घर पॉपुलर है. 

'बाघा' की दिलचस्प कहानी 

पर बहुत कम लोगों को इन किरदारों की असली कहानी पता होगी. पहली बार 'तारक मेहता' के 'बाघा' यानी  तन्‍मय वेकारिया ने अपनी जिंदगी का संघर्ष फैंस के साथ शेयर किया है.

जोश टॉक संग बातचीत में उन्होंने कहा- मेरा जन्म मुंबई की एक मीडिल क्लास फैमिली में हुआ था. मेरे पिता गुजराती थिएटर्स में प्ले किया करते थे. वहीं से मेरे अंदर एक्टिंग का कीड़ा काटा.

'मेरे पेरेंट्स चाहते थे कि मैं नॉर्मल जॉब करूं, क्योंकि प्ले के जरिये हर महीने का खर्च निकालना मुश्किल होता था. मैंने पिता जी की बात मान ली. मेरे मामा सीए थे, मैं उनके अंडर 700 रुपये की जॉब करने लगा.'

'मैं उस समय 30 साल का था. शादी हो चुकी थी. एक बेटी थी. जॉब करते हुए मैं गुजराती थिएटर्स के लिए प्ले भी करता था. जिससे मुझे सालाना 30 हजार रुपये की इनकम हो जाती थी.'

'मेरा मन एक्टिंग की ओर ही लगा रहता था. काफी मेहनत के बाद मुझे Maniben Dot Com में स्मृति ईरानी के भाई का रोल अदा करने का मौका मिला. यहां से मैंने बहुत कुछ सीखा.' 

'मैं करीब चार महीने तक गुजराती प्ले और टेलीविजन करता रहा. पर दोनों को साथ मैनेज करना मुश्किल हो रहा था. इसलिए मैंने थिएटर करना छोड़ दिया. मैं खुद को स्टार समझ रहा था.'

'मुझे लग रहा था कि अब मेरे पास बहुत काम आएगा. पर ऐसा नहीं हुआ.  Maniben Dot Com करने के बाद मैं काफी महीनों तक खाली रहा. पर कोशिश जारी थी.'

'मैं अपने बूढ़े मां-बाप और बीवी-बच्चों को खुश रखना चाहता था. फिर कहीं से मुझे पता चला कि तारक मेहता के लिए एक एक्टर की खोज चल रही है.'

'मैं वहां गया और मुझे 'बाघा' का रोल ऑफर हुआ. मैंने पहले ही एक्ट में दिलीप जोशी जी और शो के प्रोड्यूसर असित मोदी को इंप्रेस कर दिया. आज मैं कहां हूं. वो आप सब जानते हैं.'