कभी 1800 रुपये पगार में बर्तन धोन का काम करती थी स्मृति ईरानी, ऐसे बदली किस्मत 

16 MAR 2024

Credit: Instagram

टीवी एक्ट्रेस स्मृति ईरानी के करियर ने 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' सीरियल से उड़ान भरी थी. लेकिन इसके लिए भी वो पहले रिजेक्ट हो चुकी थीं.

'हम पांच' के लिए हुईं रिजेक्ट

स्मृति ने बताया कि एकता ने उन्हें काम देने से मना कर दिया था. हाल ही में कर्ली टेल्स को दिए इंटरव्यू में वो बोलीं कि वो मिस इंडिया पेजेंट के बाद एक्ट्रेस अपने पिता को पैसे लौटाना चाहती थीं. 

इसके लिए वो जेट एयरवेज में एयर होस्टेस बनने गई थीं. लेकिन सुबह से शाम तक खड़े रहने के बाद उन्हें कहा गया कि एंट्री फुल हो चुकी है. 

इसके बाद उन्हें मजबूरी में मैकडॉन्ल्ड्स में 1800 रुपये महीने की नौकरी करनी पड़ी, जहां वो बर्तन धोने का काम करती थीं. लेकिन स्मृति ने साथ-साथ ऑडिशन देना भी शुरू किया. 

एक्ट्रेस ने हम पांच सीरियल की स्वीटी के लिए भी ऑडिशन दिया था, लेकिन मेकर्स ने उनमें ह्यूमर की कमी बताते हुए रिजेक्ट कर दिया था. 

स्मृति बोलीं कि क्या पता था कि रोने धोने से मेरा करियर बन जाएगा. एक्ट्रेस ने बताया कि वो क्योंकि सास भी कभी बहू थी से पहले टॉप टेन नाम के एक शो के लिए ऑडिशन देने गई थीं. 

'उनके लिए मेरी हिंदी बड़ी खास थी. उन्होंने मुझे 15 पेज की स्क्रिप्ट दी, मैं धड़ाधड़ पढ़ती गई. उन्हें मेरी जुबान साफ लगी. पता चला नीलम कोठारी जो एक्ट्रेस हैं वो बीमार पड़ गई थी. उनका सेट लगा हुआ था.'

'तो मेकर्स ने सोचा किसी बच्चे को लाओ जो फिलहाल एक एपिसोड कर दे. आमतौर पर एक शिफ्ट 9 घंटे की होती है, मैंने 1 से 2 घंटे में सारा काम खत्म कर दिया.'

''वहीं मेरा मेकअप भी एक असिस्टेंट ने किया. तब प्रोड्यूसर बड़े खुश हुए. नीलम को वो एक लाख रुपये देते थे तो मेरे साथ कुछ हजार में काम हो गया.'

'ये बात प्रोड्यूसर्स के बीच फैल गई, फिर मुझे काफी कॉल्स आने लगे. शोभा कपूर का भी कॉल आया कि आओ मेरी बेटी से मिलो. तब गैराज में बालाजी का ऑफिस हुआ करता था.'

'उन्होंने मुझे एकता से मिलवाया, जहां उन्होंने मुझे देखते ही रिजेक्ट कर दिया. एकता ने मुझे देखते ही शोभा से कहा नहीं मम्मी प्लीज ये नहीं. ये सब उनके एस्ट्रोलॉजर से मिलने से पहले हुआ था.' 

'इंसान कि असली फितरत तब पता चलती है जब उनके पास कुछ ना हो और तब आप उस इंसान के साथ कैसा बिहेव करते हैं. जिसके पास ना सत्ता है ना सक्सेस. बाद में जो भी हो फर्क नहीं पड़ता.'

'इंसान कि असली फितरत तब पता चलती है जब उनके पास कुछ ना हो और तब आप उस इंसान के साथ कैसा बिहेव करते हैं. जिसके पास ना सत्ता है ना सक्सेस. बाद में जो भी हो फर्क नहीं पड़ता.'

स्मृति ने बताया कि फिर उन्हें उनका पहले शो क्योंकि सास भी कभी बहू थी के लिए 1800 रुपये एक दिन के मिलते थे.