26 FEB 2024
Credit: Instagram
72 की उम्र में लेजेंडरी सिंगर पंकज उधास का 26 फरवरी को निधन हो गया. गजल किंग की मौत का इंडस्ट्री को गहरा सदमा लगा है.
पंकज के गाने थोड़ी थोड़ी पिया करो...घुंघट को मत खोल रे गोरी...चांदी जैसा रंग है तेरा...फैंस के बीच आज भी हिट हैं. लेकिन इन्हीं गानों के साथ उनपर एक इल्जाम भी लगा.
पकंज के गाने ज्यादातर मयखाना, शराब, दिल टूटने, चाहत और नशे की बात करते हैं. आखिर ऐसा क्यों? इसका जवाब देते हुए सिंगर हंस पड़े थे.
इस पर पंकज ने कहा था कि मैं इस मामले में खुद को बदकिस्मत मानता हूं. वैसे भी लोग मुझे शराब की लत से जोड़ने लगे हैं.
इसमें मेरी कोई गलती नहीं है. यह वास्तव में दुखद है क्योंकि हमने मयखानों को बढ़ावा देने के लिए कभी भी ऐसी कोई कोशिश नहीं की है.
दरअसल, उर्दू में बहुत सारे विचारों को नशे की मदद से जाहिर किया जाता है. दर्द को प्रेजेंट ही इस तरह से किया जाता है. इसका वर्ड टू वर्ड मीनिंग नहीं लिया जाना चाहिए.
एग्जाम्पल देते हुए पंकज ने कहा- उमर खय्याम ने पूरी दुनिया के लिए मयखाना जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया और पैमाना का मतलब जीवन से भरा एक गिलास था.
मेरे एक एल्बम का नाम नशा था.. ये बहुत अपीलिंग एल्बम था लेकिन भ्रम पैदा करने वाला था. ऐसे गाने ऐसी चीजों के बारे में कुछ नहीं कर सकते.
इसी के साथ पंकज ने फेमस चिट्ठी आई है गाने पर बात की और बताया कि क्या वो वरदान साबित हुआ या अभिशाप?
वो बोले हां भी और ना भी, क्योंकि ये मेरे करियर का हाइलाइट सॉन्ग है. मुझे लगता है इसी के साथ मैं कब्र में चला जाऊंगा. मुझे अक्सर इसकी फरमाइश मिलती है.