कई बार एक्ट्रेसेज को कहते सुना है कि पहले से अब शूटिंग करना आसान हो गया. 80s-90s में एक्ट्रेसेज के पास वो सुविधाएं नहीं थीं, जो आज हैं. रेणुका शहाणे ने भी अब इस पर बात की है.
पिंकविला को दिए इंटरव्यू में रेणुका शहाणे ने बताया कि 90 के दशक में शूटिंग के वक्त एक्ट्रेसेज के लिए सेनेटरी पैड बदलना भी काफी मुश्किल होता था.
रेणुका शहाणे बताती हैं कि पहले सेट पर महिलाओं के लिए एक ही वॉशरूम होता था, जो कि बहुत गंदा होता था. कई महिलाएं वॉशरूम जाने के डर से दिनभर पानी भी नहीं पीती थीं.
एक्ट्रेस बताती हैं कि वॉशरूम की कंडीशन इतनी खराब होती थी कि उन्हें यूज करने का मन नहीं होता था. पर कोई भी हमारी समस्याओं पर ध्यान नहीं देता था.
रेणुका शहाणे की बातों से साफ है कि उस समय महिलाओं के लिए सेनेटरी पैड बदलना किसी बड़े चैलेंज से कम नहीं था. एक्ट्रेस कहती हैं कि अब हालात बेहतर हैं.
रेणुका कहती हैं कि ये वो समय था जब महिलाओं की सहनशीलता को फॉर ग्रांटेड लिया जाता था. उनसे हर कंडीशन में काम करने की उम्मीद की जाती थी. ये बहुत गलत था.
आज के समय में एक्ट्रेसेज को वो दिक्कते नहीं झेलनी पड़ती हैं, जो हमने झेली हैं. यहां तक कि माधुरी दीक्षित ने भी इन मुश्किलों का सामना किया है.
रेणुका शहाणे से पहले जया बच्चन और आशा पारेख ने भी बताया था कि शूटिंग के वक्त उन्हें झाड़ियों के पीछे छिप कर सेनेटरी पैड बदलना पड़ता था.
नातिन नव्या नवेली के पॉडकास्ट में जया बच्चन ने कहा था, जब हम बाहर शूट किया करते थे, तो हमारे पास वैन नहीं होती थी. हमें बस के पीछे कपड़े बदलने पड़ते थे.
उन्होंने कहा, टॉयलेट भी नहीं हुआ करते थे. ये बहुत ही असहज और शर्मिंदगी भरा था. आपने 3-4 सैनिटरी पैड का इस्तेमाल किया, जिन्हें रखने के लिए एक प्लास्टिक बैग भी रखना पड़ता था.
गंदे सैनिटरी पैड को प्लास्टिक बैग में रखकर फिर उसे एक टोकरी में रखते थे. इसके बाद घर जाने पर उस कचरे में फेंक देते थे.
उस समय ना तो लग्जरी वैनिटी वैन होती थीं और ना ही एक्ट्रेसेज के लिए पर्सनल वॉशरूम होता था. आज के समय में उस समय की कल्पना करते हुए भी डर लगता है.