रानी मुखर्जी बॉलीवुड की बेस्ट हीरोइनों में से एक रही हैं. उन्होंने अपने करियर में कई बढ़िया फिल्मों में काम किया है, जिसमें से 'गुलाम' भी एक है.
हाल ही में इंडियन फिल्म फेस्टिवल ऑफ मेलबर्न में स्पीकर के तौर पर रानी मुखर्जी गई थीं. यहां उन्होंने 'गुलाम' के बारे में बात की.
रानी ने कहा, 'मेरे करियर की पीक पर, मेरी फिल्म गुलाम में मेरी आवाज को डब कर दिया गया था, क्योंकि मैं न्यूकमर थी. ये मेरी दूसरी फिल्म थी.'
उन्होंने कहा की आमिर खान, विक्रम भट्ट और महेश भट्ट ने मिलकर ये फैसला किया था. एक्ट्रेस बोलीं, 'उन्हें लगा था कि मेनस्ट्रीम एक्ट्रेसेज की आवाज तीखी होनी चाहिए. उन्हें नहीं लगता था की औरतों की आवाज मेरे जैसी होनी चाहिए, जो कि सेक्सी है.'
रानी ने बताया कि उस समय आमिर ने उनसे क्या कहा था. उन्होंने कहा, 'उन्होंने बातचीत शुरू की और कहा कि हमें वो करना चाहिए और हमें पता है कि श्रीदेवी जैसी एक्ट्रेसेज की आवाज को कई सालों तक डब किया गया है और वो पॉपुलर हुई हैं.'
एक्ट्रेस के मुताबिक, उस समय वो महज 18 साल की थीं. तब उन्हें समझ नहीं आया था कि क्या हो रहा है. आमिर ने उन्हें कहा, 'हमने मिलकर फैसला किया है कि तुम्हारी आवाज आलिशा के किरदार पर सूट नहीं करती है.'
उन्होंने आगे कहा, 'लेकिन क्योंकि मैं नई आई थी, मैं कुछ कह नहीं सकती थी. उस समय मैं काफी दुखी थी, क्योंकि मुझे लगता है कि एक इंसान की आवाज उसकी पहचान होती है.'
रानी मुखर्जी का कहना है कि आज भी वो 'गुलाम' संग खुद को कनेक्ट नहीं कर पाती हैं, क्योंकि उसमें उनकी आवाज नहीं है. उन्होंने ये भी बताया कि बाद में आमिर ने इसके लिए उनसे माफी मांगी थी.
रानी ने कहा कि 'कभी खुशी कभी गम' देखने के बाद आमिर ने उन्हें कॉल किया था. उन्होंने कहा था, 'मुझे लगता है तुम्हारी आवाज को डब करके हमने बड़ी गलती की थी. तुम्हारी आवाज बहुत अच्छी है.'