'रामायण' फेम गुरमीत चौधरी ने अपने हिस्से का स्ट्रगल इंडस्ट्री में किया है.
एक इंटरव्यू में एक्टर ने बताया कि जब वह 6 साल के थे तभी उन्होंने एक्टर बनने का तय कर लिया था.
16 साल की उम्र में वह मुंबई आए. वह आर्मी बैकग्राउंड से थे, टीवी या फिल्म इंडस्ट्री में उनकी कोई जान- पहचान नहीं थी.
पर गुरमीत अच्छी तरह जानते थे कि वह इस फील्ड में नाम कमाएंगे. बचपन से ही एक्टर को लोगों को एंटरटेन करने का शॉक रहा.
जब भी कोई त्योहार होता या फिर सेलिब्रेशन, वह रिश्तेदारों को एक्ट करके एंटरटेन करते थे.
जब गुरमीत 16 साल की उम्र में मुंबई आए तो हर किसी की तरह बड़े सपने लेकर आए थे.
'रामायण' में ब्रेक मिलने से पहले गुरमीत ने एक फिल्म इंस्टीट्यूट ज्वॉइन किया.
यहां काफी खर्च हो जाता था तो ऐसे में महीने के आखिर में गुरमीत के पास पैसे नहीं बचते थे.
पैसे नहीं बचते थे तो उनके पास रहने की भी जगह नहीं बचती थी, क्योंकि गुरमीत पर डे के हिसाब से पे करके रहते थे.
इन मुश्किल दिनों में गुरमीत इंस्टीट्यूट में झाडू लगाने वालों के साथ रात बिताया करते थे.
दोस्त संदीप को जब इसके बारे में पता लगा तो उन्होंने गुरमीत को अपने घर में पनाह दी.
चार साल तक गुरमीत रोज 10-12 ऑडिशन देते रहे, तब जाकर इन्हें 'रामायण' में राम का रोल मिला था.