रामानंद सागर की रामायण को आज 8 मई को 36 साल पूरे हो गए हैं. 1987 में आए इस शो को आज भी पहले जितना ही पसंद किया जाता है.
'रामायण' को हुए 36 साल
डायरेक्टर रामानंद सागर के लिए रामायण जैसा भव्य शो बनाना आसान नहीं था. उनके इस ड्रीम प्रोजेक्ट को स्पॉन्सर करने के लिए कोई तैयार नहीं था.
रामानंद के बेटे ने इसे बनाने के लिए फंड इकट्ठा करने की भी कोशिश की थी, लेकिन वो सफल नहीं हुए.
हालांकि उन्होंने ठान लिया था कि वो ये शो किसी भी हाल में बनाकर रहेंगे. उन्होंने 'रामायण' से पहले 'विक्रम और बेताल' टीवी शो को बनाया.
ये शो हिट हुआ और उन्हें स्पॉन्सर मिलने लगे. प्रेम सागर के मुताबिक, 'विक्रम और बेताल' एक एपिसोड को 1 लाख रुपये में बनाया गया था.
जबकि 'रामायण' के एपिसोड को बनाने में 9 लाख रुपये के आसपास की लागत लगी थी. उस दौर में एक एपिसोड पर इतनी बड़ी रकम खर्च करना बड़ी बात थी.
इसी के साथ ये उस समय का सबसे बड़ा और महंगा शो बना गया था. 'रामायण' की शूटिंग 550 दिनों तक चली थी. इसकी व्यूअरशिप भी कमाल रही थी.
लिमका बुक ऑफ रिकॉर्ड्स 2003 के डाटा के मुताबिक, 'रामायण' के पहली बार टेलिकास्ट होने पर इसे 40 मिलियन लोगों ने देखा था.
'रामायण को 55 देशों में टेलिकास्ट किया गया था. इसकी सफलता को देखते हुए इसे तीन बार एक्सटेंड किया था.