70 के दशक में जीनत अमान के साथ राज बब्बर ने पहली बार काम किया था. बीआर चोपड़ा की फिल्म 'इंसाफ का तराजू' ने दोनों ने स्क्रीन शेयर की थी. पर इनकी पहली मुलाकात काफी अजीब थी.
हाल ही में एक इंटरव्यू में राज बब्बर ने बताया कि उस जमाने में बड़ी हीरोइनें एक्टर्स को पहले देखती थीं. चेकआउट करके उन्हें ओके करती थीं, तब जाकर साथ काम मिलता था.
राज बब्बर ने कहा- मेरे हाथ से दो बड़ी फिल्में निकल गई थीं, जिसके बाद मुझे 14 छोटी फिल्मों में काम करना पड़ा. बीआर चोपड़ा साहब ने मुझे कॉल करके बुलाया और कहा कि वो एक फिल्म बना रहे हैं.
"उन्होंने कहा कि जीनत से बात हो गई है. मेरे मन में आया कि कौन जीनत? पर फिर ये भी सोचा कि चोपड़ा साहब के दफ्तर में बैठा हूं तो जीनत अमान की ही बात हो रही होगी."
"मैं उसके अगले दिन जीनत अमान से मिला. उन्होंने मुझे देखा और ओके कर दिया. हां, उन्होंने मुझे देखा, जैसे आजकल शादी के लिए लड़की देखी जाती है बिल्कुल वैसे ही."
"पहले देखते थे कि बड़ी हीरोइन किसके साथ काम करेगी, यह देखा जाता था. जीनत जी ने मुझे चेकआउट किया और ओके कह दिया. उन्होंने मेरे से ये भी कहा कि अगर आप कम्फर्टेबल हों तो ये रोल कर सकते हैं. मैं रेडी हो गया."
राज, जीनत के साथ बीआर चोपड़ा की फिल्म करने जा रहे हैं, उन्होंने ये बात किसी को नहीं बताई थी. उन्हें लगा था कि बाकी की दो बड़ी फिल्मों की तरह कहीं उनके हाथ से ये फिल्म भी न कहीं निकल जाए.