24 June 2025
Credit: Social Media
'पंचायत' में बिनोद का किरदार शुरू से ही बहुत पसंद किया जाता है. एक्टर अशोक पाठक का निभाया ये किरदार सिर्फ कॉमेडी ही नहीं करता, बल्कि असली लेजेंड है. आइए बताते हैं कैसे...
बिनोद चाय पूछने पर कभी ना नहीं करता और सामने वाले को पूछता भी जरूर है. उसका मानना है कि कुछ भी बवाल होने वाला हो एक चाय पीने का स्कोप तो हमेशा ही रहता है. ट्रू चाय लवर ...
बिनोद को पता है कि चुनौटी (खैनी स्टोर करने वाली डिवाइस) बार-बार खोने वाली चीज है, तो स्टील वाली खरीदने पर पैसे वेस्ट क्यों करना! प्लास्टिक वाली ही ठीक है...
विधायक जी जैसा बड़ा आदमी सामने हो तो क्या... जब बिनोद से गाने की चॉइस पूछी जाएगी तो वो हिंदी-इंग्लिश-बंगाली नहीं, हमेशा भोजपुरी ही प्रेफर करता है!
बिनोद को खाने का बहुत शौक है. खाने के लिए तो वो अपने विरोधी को भी इनकार नहीं कर सकता. आखिर दुश्मनी लोगों से की जाती है, अनाज से थोड़े ही!
बिनोद को खाने पर बुलाया और अपना काम निकलवाने की कोशिश की तो वो तुरंत सेन्स कर लेगा. विनोद जरूरतमंद जरूर है, मगर मंदबुद्धि नहीं... और गद्दार तो बिल्कुल नहीं.
पहले सीजन से लेकर, लेटेस्ट सीजन तक, घर में शौचालय लगवाना हो या फोटो सेशन के लिए शौचालय लूटना हो... बनराकस जो भी टारगेट देता है, बिनोद उसे पूरा करने में सबसे आगे रहता है.
फुलेरा में चुनाव का माहौल है. बिनोद, बनराकस-क्रांति देवी की टीम में है. मौजूदा प्रधान-प्रह्लाद चाचा-सचिव जी दूसरी टीम में हैं. मगर इसका मतलब ये नहीं है कि विनोद उनसे बात नहीं करेगा.
कोई भी मैटर हो, कैसा भी बवाल हो... एक बात तो अब सभी जानते हैं- विनोद सबकुछ देख रहा है!