12 MAR 2024
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ऑस्कर अवॉर्ड जीतने का सपना हर एक्टर-फिल्ममेकर का होता है. हर आर्टिस्ट चाहता है कि वो दुनिया की इस सबसे बड़ी ट्रॉफी जीते.
जितनी मेहनत कोई आर्टिस्ट इसे पाने के लिए करता है, उतनी ही मेहनत इस प्रेस्टीजियस ट्रॉफी को बनाने में भी लगती है.
कहा जाता है कि ये ट्रॉफी सोने से बनी होती है. लेकिन आपको बता दें कि गोल्डन लेडी के नाम से मशहूर ये ट्रॉफी कांस से बनती है और इस पर 24 कैरेट गोल्ड की प्लेटिंग की जाती है.
वहीं खास बात ये कि इसे बनाने में जितनी मेहनत और पैसा लगता है, अगर आप उसे बेचने निकलेंगे तो महज एक डॉलर से ज्यादा नहीं मिलेगा.
दरअसल, एक ऑस्कर ट्रॉफी को तैयार करने में करीब 36 हजार रुपए का खर्च आता है, लेकिन बेचने जाओ तो यह सिर्फ 1 डॉलर में बिकती है.
इसके पीछे वजह है ऑस्कर की गरीमा को बरकरार रखने के लिए बनाया गया कानून. इसे साल 2015 में रिवाइज किया गया था. विजेता चाहकर भी इसे कहीं बेच नहीं सकता.
इस कानून के मुताबिक ट्रॉफी को कहीं नीलामी के लिए रखने से पहले या फिर कहीं बाहर बेचने से पहले इसे अकेडमी को दिया जाना चाहिए. जो ऐसा नहीं करेगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
साथ ही अकेडमी भी इस ऑस्कर ट्रॉफी को सिर्फ एक डॉलर में ही खरीदेगी. 2015 से पहले ये कीमत 10 डॉलर हुआ करती थी, जिसे बाद में बदल दिया गया, ताकि विजेता इसका पूरा सम्मान कर सके.
ऑस्कर अवॉर्ड की शुरुआत 1929 में हुई थी. तब से लेकर आजतक 3 हजार से ज्यादा आर्टिस्ट को इस अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है.