9 MAY 2025
Credit: Social Media
एक्टर-कॉमेडियन किकू शारदा शुरू से ही हेवी वेट रहे हैं. उन्हें बचपन से ही फैटशेम किया जाता रहा है. बावजूद इसके उन्होंने अपने काम से अपनी अलग पहचान बनाई.
प्रिशा धतवालिया से बातचीत में किकू ने ट्रोलिंग और फैट शेमिंग को लेकर खुलकर बात की. उन्होंने बताया कि कैसे ये सोच लोगों के जहन में जकड़ी हुई है.
किकू ने 'मेरी भव्य लाइफ' शो का जिक्र करते हुए कहा कि ये शो सच में उन जड़ से जमी हुई धारणाओं को चुनौती देता है जो लोगों के शरीर के आकार, दिखावे और उनकी अहमियत से जुड़ी होती हैं.
लंबे समय तक मैं 'मजेदार मोटा आदमी' कहलाता रहा और ऐसा लगने लगा जैसे वही मेरी पहचान है. लोग मुझे पसंद करते थे, लेकिन हमेशा एक शर्त के साथ...
कहते थे कि 'ये बहुत टैलेंटेड है, लेकिन इसका वजन कम होना चाहिए.' धीरे-धीरे मुझे ये समझ आया कि हंसी का कोई साइज नहीं होता, और आत्मविश्वास का भी नहीं.
किकू बोले- जब आप एक प्लस-साइज इंसान होते हैं, तो शोबिज में खुद को साबित करना और भी मुश्किल हो जाता है. क्योंकि यहां लोगों को पतला होना ही सफलता की निशानी लगती है.
इस सोच ने मुझे दुख नहीं दिया, लेकिन ये जरूर एहसास दिलाया कि समाज मोटे लोगों को कितनी सीमित नजर से देखता है. और फिर आते हैं ट्रोल्स, ताने, मीम्स, और सोशल मीडिया पर बिना मांगी सलाह.
मुझे सीखना पड़ा कि दुनिया के साथ हंसना कैसे है, लेकिन ये ध्यान रखते हुए कि दुनिया मुझ पर ना हंसे. मैं उम्मीद करता हूं कि लोग समझें कि सेल्फ-वर्थ किलो में नहीं तौला जाता.
किकू बोले कि ये इस बात पर निर्भर करता है कि आप क्या लेकर आते हैं, आपकी एनर्जी, आपका दिल, आपकी मेहनत. इस सोच को बदलना है कि मोटापा असफलता की निशानी है.