हॉलीवुड की सुपरहिट फिल्म 'टाइटैनिक' के डायरेक्टर जेम्स कैमरन ने अपनी फिल्म को बनाने से पहले भारी रिसर्च की थी.
2001 में जेम्स ने देखा टाइटैनिक
इतना ही नहीं, साल 2001 में जेम्स 1912 में डूबे टाइटैनिक जहाज को देखने समंदर की गहराईयों में भी गए थे.
कॉमेडियन जो रोगेन के पॉडकास्ट पर Rob Lowe ने इस बात का खुलासा किया था. उन्होंने अपने दोस्त और एक्टर बिल पैक्सटन और डायरेक्टर कैमरन को लेकर बात की थी.
रॉब के मुताबिक, बिल उनके बेस्ट फ्रेंड थे. डायरेक्टर कैमरन उन्हें अपने साथ साल 2001 में असली टाइटैनिक दिखाने अटलांटिक महासागर में लेकर गए थे.
बिल और कैमरन ने साथ टाइटैनिक जहाज के डेक पर बैठकर लंच किया था. जब दोनों समंदर की गहराई से बाहर आए तो उन्होंने सभी को हड़बड़ाते और परेशान होते देखा.
बाहर आने पर डायरेक्टर और एक्टर को पता चला था कि अमेरिका में 9/11 का आतंकी हमला हुआ है. तो 9/11 के हमले के समय बिल और जेम्स कैमरन टाइटैनिक जहाज के डेक पर थे.
जेम्स कैमरन ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि वो टाइटैनिक जहाज के मलबे को 33 बार देख चुके है. पहली बार वो साल 1995 में समंदर तल में स्थित इस जहाज को देखने गए थे.
इन दिनों टाइटैनिक देखने अरबपतियों को लेकर आई टाइटन पनडुब्बी के चर्चे हर तरफ हो रहे हैं. ये पनडुब्बी भीषण हादसे का शिकार हो गई है, जिसके चलते इसमें सवार पांचों लोगों की जान चली गई है.
इस बारे में डायरेक्टर जेम्स कैमरन ने अपने नए इंटरव्यू में बात की है. उन्होंने कहा कि रविवार को जब पनडुब्बी गायब हुई तब वो खुद संमदर में एक जहाज पर थे. उन्हें सोमवार की सुबह इस बारे में पता चला.
कैमरन के मुताबिक, उन्होंने अपनी पहचान के लोगों को कॉन्टैक्ट किया और उन्हें पता चल कि पनडुब्बी 3500 मीटर की गहराई में थी और 3800 मीटर की गहराई में जाना चाह रही थी जब उनका संपर्क बाहरी दुनिया से टूट गया और वो दिशाहीन हो गई.
कैमरन कहते हैं कि उनके मन में ये बातें जानकर यही बात आई थी कि पनडुब्बी में विस्फोट हुआ है. ये बड़े हादसे का शिकार हो गई है. इसके बाद पनडुब्बी को ढूंढने में लगा एक हफ्ता उनके लिए किसी बुरे सपने की तरह रहा है.
जेम्स कहते हैं कि 'मुझे पता था टाइटन पनडुब्बी वहीं होगी, जहां उनके बारे में आखिरी जानकारी मिली थी. और ठीक उसी जगह इसे अब पाया गया है.'