कई बॉलीवुड एक्ट्रेस ने अपने इंटरव्यू के दौरान इस बात का खुलासा किया है कि इंटीमेट सीन या किसिंग सीन्स करने के दौरान उन्हें कई तरह के मेंटल ट्रॉमा से गुजरना पड़ा था.
कैसे शूट होते हैं इंटीमेट
हालांकि, अब एक्ट्रेसेस के अदंर से बोल्ड सीन को लेकर डर निकल रहा है, क्योंकि पिछले कुछ समय से पश्चिम की तरह भारत में भी इंटीमेसी को-ऑर्डिनेटर का ट्रेंड चल पड़ा है.
इंटीमेट को-ऑर्डिनेटर टर्म दीपिका पादुकोण की फिल्म 'गहराइयां' के दौरान काफी चर्चा में आया था. फिल्म में दीपिका के बोल्ड अवतार के पीछे इन्हीं कुछ टेक्निकल लोगों का हाथ था.
दो कैरेक्टर्स के बीच गार्ड की तरह काम करते ये इंटीमेट को-ऑर्डिनेटर्स एक्ट्रेस की असहजता और हिचक को खत्म करते हैं.
इंटीमेसी कोऑर्डिनेटर फिल्म यूनिट का एक हिस्सा होते हैं, जो मूल रूप से एक्टर, परफॉर्मर, डायरेक्टर और प्रोडयूसर के बीच की बातचीत क्लियर करवाते हैं.
वो सुनिश्चित करते हैं कि फिल्म में अगर कोई इंटीमेट या सेंसेटिव सीन है, तो वो एक निश्चित तौर-तरीके और नियम-कायदों में रहकर शूट किया जाए.
इसका सबसे बड़ा रूल ये है कि एक्टर्स की हां या ना को हमेशा दिमाग में रखा जाए. जो भी सीन वो शूट करने वाले हैं उसमें एक्टर का कंफर्ट लेवल और रजामंदी सबसे जरूरी होता है.
इंटीमेट कोऑर्डिनेटर आस्था कहती हैं कि 'भारत में सबसे पहले 'मस्तराम' नाम का एक शो आया था, जिसके लिए एक इंटीमेसी कोऑर्डिनेटर को कनाडा से बुलाया गया था.'
आस्था बताती हैं, 'शूट पर हम एक क्लोज सेट रखते हैं. उस क्लोज सेट पर 5-8 लोग ही हो सकते हैं उससे ज्यादा नहीं ताकि माहौल सेफ हो. फिर हम कैमरे के साथ रिहर्सल करते हैं जिसे ड्राई रिहर्सल बोला जाता हैं.'
'जब सम्मान के साथ पूरा सीन शूट हो जाता है तो एक्टर्स एक-दूसरे को थैंक्यू बोलते हैं और उसके बाद फिर सेट खोल दिया जाता है.'
आस्था कहती हैं, 'ये काम करते हुए दिक्कतें तो बहुत आईं, लेकिन मुझे इन दिक्कतों का अंदाजा था. मैं यह बखूबी जानती थी कि ये रास्ता आसान नहीं होगा.' रिपोर्ट - नेहा वर्मा.