एकता कपूर इंडस्ट्री का सबसे पॉपुलर नाम हैं, लेकिन फिल्में बनाने की चॉइस पर आज भी उनपर सवाल उठाया जाता है.
Credit: Ekta Kapoor Instagram
हाल ही में उनकी थैंक्यू फॉर कमिंग रिलीज हुई हैं. एक ट्रेड एनालिस्ट ने उन्हें हिंदी में सिनेमा में इस तरह की फिल्म की जगह को दिखाते हुए काफी नफरत भरा रिव्यू दिया.
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इस रिव्यू पर एकता का गुस्सा फूट पड़ा है. उन्होंने पहले तो इसे नजरअंदाज करने की कोशिश की, लेकिन बार बार ऐसा होने पर नहीं कर पाईं तो इंस्टाग्राम पर अपना दर्द बयां किया.
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एकता ने लिखा- मैंने कभी ट्रेड वेबसाइट्स नहीं पढ़े, ना ही कभी उन्हें इन्फॉर्म किया कि मैं कौनसी फिल्म बनाने वाली हूं. लेकिन मेरे ध्यान में आया कि हाल ही में एक क्रेडिबल पत्रकार ने मेरे खिलाफ काफी नफरत भरा स्पीच दिया है.
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ये कहते हुए कि उसने हमारी फिल्म नहीं देखी है. लेकिन मुझे और मेरे-कोप्रोड्यूसर को शर्मसार करने की कोशिश करते हुए उसने कहा कि वो बेहद गुस्सा है, महिलाओं को शर्मिंदगी से बचाने वाले इस टॉपिक से.
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एकता ने आगे लिखा- उनके मुताबिक ऐसी कहानियों की हिंदी सिनेमा में कोई जगह नहीं है. उन्होंने मिसोजिनी को दरकिनार करते हुए हमारे खिलाफ वायलेंस को सपोर्ट किया है. मैं ऐसे मेंटली अनस्टेबल लोगों पर ध्यान नहीं देती.
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लेकिन अब आप समझ पा रहे होंगे कि मैं कितनी निराश महसूस कर रही हूं. ऐसे लोगों का हमारी इंडस्ट्री पर कैसा असर पड़ता है. क्या हम ठीक हैं इससे? ऐसे लोगों की परवाह ना करते हुए भी हम चाहते हैं, थैक्यू फॉर कमिंग जैसी फिल्म आए. और समाज को आईना दिखाए.
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नफरत फैलाने वाले भाषण से लेकर हमारे खिलाफ हिंसा भड़काने तक इस पत्रकार ने सब कुछ किया है. थप्पड़ फिल्म के दौरान मैंने उसे अपने साथ ले लिया था, जब मैं ट्विटर पर हुआ करती थी.
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एकता बोलीं- कोई आपको नहीं बताएगा कि क्या बनाना है. किसी फिल्म से नफरत करना आपका अभिमान है. फिल्म निर्माताओं को गाली देना और नफरत भरे भाषण देना अच्छा है. हम नहीं रुकेंगे. थैंक्यू फॉर कमिंग.
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