20 JUNE 2025
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फिल्मों और शोज में बोल्ड और निगेटिव कैरेक्टर्स निभा चुकीं दीपशिखा ने बताया कि इसकी वजह से उन्हें मानसिक रूप से बहुत तकलीफ झेलनी पड़ी हैं. उन्हें उनके ही परिवार वालों तक ने जज किया.
दीपशिखा ने स्क्रीन से बातचीत में कहा कि बादशाह के बाद मुझे सिर्फ निगेटिव रोल ही मिलने लगे. मैं वो करना नहीं चाहती थी, क्योंकि लोग मुझे जज करने लगे थे. तब नेगेटिव रोल को इज्जत से नहीं देखा जाता था.
लोग कहते थे, ‘ये तो साइड एक्ट्रेस है, बुरे काम करती है.’ आप ऐसी बातें नहीं सुनना चाहते जब आप इसी समाज में रह रहे हों.”
दीपशिखा ने आगे टीवी का जिक्र किया और कहा कि कोयला फिल्म में भले ही मेरा किरदार बिंदिया शाहरुख से प्यार करता है और माधुरी को बचाता है, लेकिन क्योंकि वो अमरीश पुरी के साथ थी, लोग उसे नेगेटिव समझ बैठे.
टीवी पर भी उसी टाइप के रोल मिलने लगे. मुझे बार-बार अपने काम का बचाव करना पड़ता था. मां-बाप नहीं रहे थे, कोई गाइड करने वाला नहीं था. रिश्तेदार ताने देते थे.
लॉकडाउन में जब मैंने पीछे मुड़कर देखा तो सोचा, मैंने इतनी बड़ी-बड़ी फिल्में कीं, लेकिन घर आकर कोई तारीफ नहीं करता था. उल्टा कहा जाता था-‘क्या किया है तुमने?'
'इस फिल्म में कपड़े उतारे हैं… तुम तो ऐसी हो, बच्चे तुम्हारी इज्जत नहीं करेंगे.’ मुझे शर्म आने लगी. मैं सोचती थी कि मैंने कोयला या बादशाह जैसी फिल्में क्यों कीं?
बात करते हुए दीपशिखा भावुक भी हो गईं और बोलीं कि- मेरी बेटी कोयला की CDs तोड़ देती थी. ये सब मेरे दिमाग पर बहुत असर डाल रहा था. मुझे लगने लगा कि मैं हर जगह, एक्टर के तौर पर, शादी में, इंसान के रूप में, फेल हो गई हूं.
दीपशिखा ने कहा- मैं अंदर से टूट चुकी थी. फिर समझ आया कि दुख का कोई बाजार नहीं होता, इसलिए मैंने उसे अपने काम में नहीं आने दिया. एक्टिंग ही मेरी राहत बन गई. उसी ने मुझे ठीक किया.