बच्चन परिवार के वारिस अभिषेक बच्चन ने हिंदी सिनेमा में अपनी खास पहचान बनाई है. हालांकि, यहां तक पहुंचने के लिए अभिषेक को भी काफी स्ट्रगल करना पड़ा है.
अभिषेक ने अब अपने करियर के शुरुआती दिनों को याद किया है. Galatta Plus राउंडटेबल पर अभिषेक ने कहा कि वो हमेशा से एक एक्टर बनना चाहते थे, लेकिन कोई भी अमिताभ बच्चन के बेटे को लॉन्च करने की जिम्मेदारी नहीं लेना चाहता था.
अभिषेक ने कहा कि उन्होंने अपने दोस्तों संग खुद की स्क्रिप्ट लिखने का भी प्लान बनाया, लेकिन ये आइडिया भी नहीं चला. लेकिन फिर एक बार वो अपने पिता संग फिल्मफेयर अवॉर्ड में शामिल हुए और यहां से उनकी जिंदगी बदल गई.
अभिषेक बोले- 20 साल पहले जब फिल्मफेयर था. लोगों ने महीनों पहले ही तैयारियां शुरू कर दी थीं. उस समय कोई फ्री में कपड़े नहीं देता था, आपको खुद खरीदने पड़ते थे.
पूरी इंडस्ट्री वहां होती है. वो इवेंट एक सेलिब्रेशन की तरह होता है. लेकिन उस समय मेरे पास अवॉर्ड शो में पहनने के लिए कपड़े भी नहीं थे.
हम उस समय ज्यादा कपड़े अफॉर्ड नहीं कर पाते थे. हम लोग मुश्किल दौर से गुजर रहे थे. जितना सस्ता हो सके हम उतने सस्ते कपड़े बनाते थे.
अभिषेक बोले- अवॉर्ड शो में पहनने के लिए मेरे पास कोई भी फॉर्मल कपड़े नहीं थे. इवेंट से कुछ साल पहले बहन की शादी के लिए मैंने जो शेरवानी बनाई थी, उसे ही पहन लिया था.
अभिषेक ने कहा कि उस इवेंट में जेपी दत्ता को बॉर्डर फिल्म के लिए बेस्ट डायरेक्टर का अवॉर्ड मिला था, जब वो स्टेज से उतरकर जा रहे थे, तब उन्होंने अभिषेक को देखा और दो दिन बाद उन्हें फिल्म ऑफर कर दी.
इसके बाद अभिषेक ने जेपी दत्ता की फिल्म Refugee से अपना बॉलीवुड डेब्यू किया था. फिल्म में करीना कपूर लीड रोल में थीं.