कॉमेडियन भारती सिंह ने अपने अंदाज और मिमिक्री से पूरी दुनिया का दिल जीता है. पर यहां तक पहुंच पाना उनके लिए आसान नहीं था.
एक इंटरव्यू में भारती सिंह को अपने स्ट्रगल के दिन याद आए. नीना गुप्ता संग Brut India में बात करते हुए भारती को बचपन के दिनों की याद आई.
भारती ने कहा- मेरा परिवार दूसरे लोगों के बचे हुए खाने पर सर्वाइव करता था. मेरी मां घर-घर काम करती थी. उन घरों से जो बचा खाना मिलता था, हम वो खाते थे.
"लोग आधा एप्पल खाकर कचरे में फेंक देते थे. तो मुझे लगता था कि इसको पाप चढ़ेगा. वो डस्टबिन में फेंक देते थे तो मैं सोचती थी ये निकालकर वो आधा बचा हिस्सा निकालकर काटकर खा लूं."
"यहां तक मेरी सोच गई थी. इतनी गरीबी में मैंने चीजें देखी हैं. और आज भगवान की कृपा से मेरे पास सबकुछ है. हालात बहुत खराब थे."
"त्योहार आते हैं तो बच्चे खुश हो जाते हैं, पर जब त्योहार आते थे तो मैं डिप्रेशन में चली जाती थी. मेरी मां जब काम करके मिठाई का डिब्बा लाती थी तो हमारे घर दिवाली की पूजा होती थी."
"वरना हम लोग ऐसे ही बैठे रहते थे. गली में दूसरे बच्चे पटाखे जलाते थे तो मैं उनके पास जाकर तालियां बजाती थी. ताकी सबको लगे कि ये पटाखे मैं जला रही हूं."