18 Apr 2024
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होनासा कंज्यूमर प्राइवेट लिमिटेड की सह-संस्थापक गजल अलघ किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं. उन्होंने देश को पहला नॉन-टॉक्सिक बेबी केयर ब्रांड मामाअर्थ दिया है.
गजल ना सिर्फ करोड़ों का बिजनेस हैंडल करती हैं, बल्कि शार्ट टैंक इंडिया पर जज की भूमिका भी बखूबी निभा रही हैं. हाल ही वो रुबीना दिलैक के पॉडकास्ट 'किसीने बताया नहीं' पर पहुंचीं.
शो पर गजल और रुबीना दोनों ने मदरहुड जर्नी पर ढेर सारी बातें शेयर कीं. गजल ने बताया कि 'जब मैं प्रेग्नेंट थी, तो मुझे कई सारी सलाह मिलती थी. ऐसा करना चाहिये, वैसे करना चाहिये.'
'पर मैंने कभी वरुण को ये नहीं कहा कि तुम्हे ऐसा करना है. वो करना है. डिलीवरी के समय मैं 48 घंटे तक लेबर पेन में रही थी. दर्द में रहने के बाद भी मेरी नॉर्मल डिलीवरी नहीं हुई.'
गजल कहती हैं कि 'इसके बाद मेरी सिजेरियन डिलीवरी की गई, जो कि मेरी लिये मेंटली बड़ा शॉक थी. मुझे याद है कि मैं बहुत दर्द में थी. वरुण मेरे बेड के बगल में बैठे थे.'
'उनकी आंखों में आंसू थे. वो कमरे से बाहर गये और सिसक-सिसक कर रोने लगे. मेरे कानों तक उनके रोने की आवाज आ रही थी.'
'वो बस फोन पर यही कह रहे थे कि उसे बचा लो. मैं हेल्पलेस महसूस कर रहा हूं. पर जब बेबी हुआ और उसे हमारे कमरे में लाया गया, तो वरुण ने मुझसे छोटी सी लाइन कही.'
'उन्होंने मुझसे कहा कि तुमने मुझे दुनिया का सबसे खूबसूरत और कीमती तोहफा दिया है. बेबी होने के बाद मुझे ब्रेस्ट फीडिंग कराने में दिक्कत हो रही थी, उस वक्त वरुण मेरा सपोर्ट बनकर रहे.'
'हमारी अरेंज मैरिज हुई थी, लेकिन उन्होंने जिस तरह मेरा साथ दिया मैंने उसकी उम्मीद नहीं की थी.' गजल ने कहा कि 'हम दोनों मिलकर बेटे की परविश कर रहे हैं.'
शार्क टैंक इंडिया की जज ने ये भी कहा कि बेटे अगस्त्य के जन्म के बाद ही उन्हें मामाअर्थ को बनाने का आईडिया आया. आज वो इस ब्रांड से करोड़ों की कमाई भी कर रही हैं.
बता दें कि गजल और वरुण अलघ की शादी 2010 में हुई थी. शादी के 6 साल दोनों ने 2016 ने होनासा कंज्यूमर प्राइवेट लिमिटेड के अंदर मामाअर्थ ब्रांड को दुनिया के सामने रखा.