विक्रांत मैसी की फिल्म '12वीं फेल' ने बॉक्स ऑफिस पर गर्दा उड़ा दिया था. ताबड़तोड़ कमाई करने वाली फिल्मों में यह शामिल हुई थी.
हाल ही में एक इंटरव्यू में विक्रांत ने नेपोटिज्म पर खुलकर बात की. एक्टर ने कहा- इंडस्ट्री में मेरिट बेस्ड चीजें होती हैं. चांदनी चौक में अगर कोई दुकानदार है तो वो बाहर किसी को ढूंढने नहीं जाएगा.
"वो दुकानदार अपने बेटे या बेटी को ही दुकान संभालने के लिए कहेगा. तो नेपोटिज्म हर फील्ड में है. मैं कोई ट्रेन्ड एक्टर नहीं हूं."
"अगर आप किसी एक्टर के बेटे या बेटी हैं तो आपके पास बहुत सारी अपॉर्चुनिटीज रहेंगी. अगर आप अपने काम में अच्छे नहीं हैं तो आपको यहां पर बाहर का दरवाजा दिखा दिया जाएगा."
"ये इंडस्ट्री काफी चैलेंजिंग है. लोगों के बीच यह परसेप्शन बना हुआ है कि यहां चीजें बहुत आसानी से मिल जाती हैं, लेकिन ऐसा नहीं होता है."
"यहां कोई परिवार नहीं है. हजारों एक्टर्स हैं जो मेरी जगह लेना चाहते हैं. कोई भी मेरे बारे में अच्छा नहीं सोचता है. अगर, मुझे चोट लगती है तो अगले चार दिनों में मुझे कोई भी रिप्लेस कर सकता है."
"कोई भी मेरी जगह बहुत ही आसानी से ले सकता है. मुझे इसपर सोचने की जरूरत है. शूटिंग के समय क्या हो जाए कुछ नहीं पता. बहुत सारी चीजें हैं जिनपर सोचने की जरूरत है. इंडस्ट्री काफी कॉम्पिटीटिव है."