10 May 2025
ऑपरेशन सिंदूर के बाद से चर्चा में आयी विंग कमांडर व्योमिका सिंह (Wing Commander Vyomika Singh) को लोग काफी सर्च कर रहे हैं.
व्योमिका सिंह ने बचपन से ही ये तय कर लिया था कि भारतीय वायु सेना में जाएंगी.
उन्होंने स्कूल की पढ़ाई खत्म कर नेशनल कैडेट कोर (NCC) जॉइन कर लिया था. विंग कमांडर व्योमिका सिंह (Wing Commander Vyomika Singh) 18 दिसंबर 2004 को भारतीय वायुसेना में कमीशन हुईं.
उन्हें लड़ाकू हेलीकॉप्टर उड़ाने का अनुभव है और चीता, चेतक जैसे लड़ाकू हेलिकॉप्टर उड़ाने में महारथ भी हासिल है.
व्योमिका सिंह को वायुसेना में शामिल होने के 13 साल बाद विंग कमांडर का पद मिला और 18 दिसंबर 2017 में जाकर वो विंग कमांडर बनीं.
कमांडर व्योमिका सिंह के पास इस समय हजारों घंटे फ्लाइंग ऑवर्स का अनुभव है.
व्योमिका बचपन से ही नॉर्मल बच्चों से बहुत अलग थी. स्कूल में वह हमेशा फर्स्ट आती थी और खेल कूद में भी भाग लेती थी.
व्योमिका सिंह ने अरुणाचल प्रदेश में एक बड़ा बचाव अभियान के तहत काफी ऊंचाई पर, खराब मौसम में और दूरदराज के इलाकों में चलाया गया था.
इसके अलावा 2021 में, उन्होंने माउंट मनीरंग पर एक पर्वतारोहण अभियान में भी भाग लिया.
इस अभियान में तीनों सेनाओं की महिला अफसरों ने हिस्सा लिया था. विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने चेतक और चीता जैसे हेलीकॉप्टर उड़ाए हैं.