23 Sep 2024
अक्सर कहा जाता है कि दक्षिण दिशा में पैर करके सोना नहीं चाहिए. खास तौर से हमारे पूर्वज इस बात पर जोर देते रहे हैं.
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सिर्फ पौराणिक कथाएं ही नहीं, इसके पीछे साइंस भी है. साउथ की तरफ पैर करके सोने के लिए हमारा विज्ञान भी मना करता है. आइए जानते हैं.
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वैज्ञानिक तौर पर देखा जाए तो सोते समय हमारे शरीर में चुंबकीय विद्युत ऊर्जा का संचार होता है.
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इसी ऊर्जा के कारण नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है और एक सुखद और शांतिपूर्ण नींद आती है.
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साइंस मानता है कि उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव में चुंबकीय शक्ति है. जो दक्षिणी ध्रुव से उत्तर की ओर बहती है.
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ऐसे में यदि कोई दक्षिण की तरफ पैर करके सोता है तो उसके शरीर की चुंबकीय ऊर्जा सिर की तरफ जाती है.
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चुंबकीय ऊर्जा पैरों की तरफ से सिर की तरफ बढ़ने पर जब व्यक्ति सुबह उठता है तो वह तनाव में रहता है.
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कई घंटे सोने के बावजूद ऐसा महसूस होता जैसे नींद पूरी नहीं हुई है.
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साइंस ये मानती है कि उत्तरी ध्रुव की चुंबकीय शक्ति से लोगों में सिर दर्द, नींद की समस्या, तनाव और लगातार चक्कर आने जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
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