12 Feb 2025
प्राइमरी कलर्स में भी तरह-तरह के इतने शेड्स होते हैं कि सभी को याद रख पाना मुश्किल है.
जैसे पिंक में फूशिया पिंक, हॉट पिंक. ग्रीन में सी ग्रीन, टरकॉइज, डार्क ग्रीन.
लाल रंग में मौजूद रहने वाले चेरी रेड, रोज रेड, जैम रेड, गार्नेट रेड, रूबी रेड, स्कार्लेट रेड, वाइन रेड, एप्पल रेड, ब्लड रेड, सांग्रिया रेड, बेरी रेड, ब्लश रेड और ना जाने कितने रंग.
अक्सर देखा गया है कि लड़कों के मुकाबले लड़कियों को रंगो की सही पहचान होती है.
ऐसे क्यों है? इसपर स्टडी की गई और इसकी वजह भी पता चली. आइए आपको बताते हैं.
color-meanings.com पर पब्लिश हुई एक रिपोर्ट के मुताबिक, रंगों की पहचान करने में पुरुषों की तुलना में महिलाएं काफी तेज होती हैं.
महिलाएं किसी एक रंग के अलग-अलग शेड को भी पहचान लेती हैं और उसे उसके नाम से जानती हैं.
रंगों की पहचान को लेकर हुए अध्ययन में इस बात के सबूत मिलते हैं कि पुरुष और महिलाएं एक ही रंग को अलग-अलग नजरिए से देखते हैं.
जहां पुरुष किसी रंग को साधारण तरीके से देखते हैं जबकि महिलाएं उस रंग के भीतर मौजूद रहने वाले रंग यानी उसके शेड को भी पहचान लेती हैं.
स्टडी में बताया गया है कि रंगों की पहचान हार्मोन्स से संबंधित है जो पुरुषों और महिलाओं में अलग-अलग होते हैं.
शोधकर्ताओं के मुताबिक पुरुषों और महिलाओं के प्रारंभिक विकास के समय टेस्टोस्टेरॉन का एक्सप्रेशन दिमाग के विजुअल कॉर्टेक्स में मौजूद न्यूरॉन्स को प्रभावित करता है.