By Aajtak.in
कभी दुख में, कभी डर से तो कभी खुशी में हमारी आंखों से आंसू छलकने लगते हैं.
लेकिन ऐसा क्या है कि हंसने और रोने पर हमारी आंखों से आंसू आने लगते हैं.
हमारी आंखों में तीन तरह के आंसू आते हैं. बेसल टीयर, रिफलेक्स टीयर और इमोशनल टीयर.
दरअसल, हमारी आंखों के कोनों पर एक टीयर ग्लैंड होता है जिसे Lacrimal Gland कहते हैं.
यह ग्लैंड हमारी आंखोंं को गीला रखने यानी कि नमी बनाए रखने के लिए तरल पदार्थ छोड़ते हैं जिससे हमारी आंख की रेटीना हमेशा गीली रहती हैं. इन आंसूओं को Basil Tears के नाम से जाना जाता है.
प्याज काटने पर निकलने वाला पदार्थ हमारे Cornia से जाकर टकराता है. इरीटेशन की वजह से हमारा दिमाग टीयर ग्लैंड को एक्टिव कर देता है.
प्याज के पदार्थ को बाहर निकालने के लिए टीयर ग्लैंड आंसू निकालने लगते हैं. इन आंसूओं को Reflex Tear नाम से जाना जाता है.
वहीं, दुखी या परेशान होने पर हमारे दिमाग का Limbic System एक्टिव हो जाता है.
रोने पर यह सिस्टम आंखों में मौजूद lacrimal Gland को एक्टिव कर देता है जिस कारण दुखी होने पर आंसू निकलने लगते हैं.
जब भी हम पलक झपकाते हैं तो टीयर ग्लैंड में तरह पदार्थ इकट्ठा हो जाता है. इस तरह रोजाना हमारी आंखों में थोड़े-थोड़े आंसू इकट्ठे होने लगते हैं.
जब हम जोर से हंसते हैं तो आंखों की नलियों पर दवाब पड़ता है जिस कारण इसमें मौजूद तरल पदार्थ (आंसू) बाहर आ जाता है.